आरडीबी इंडस्ट्रीज के शेयरों में निवेश चालू साल 2010 का जैकपॉट बन सकता है। यह चर्चा है बाजार के कारोबारियों में। 120 रुपए के आसपास के मौजूदा भावों पर इसमें खरीद शुरू हो चुकी है। पिछले 52 हफ्तों में यह शेयर ऊपर में 142 रुपए और नीचे में 49.75 रुपए तक गया है। यह कोलकाता की कंपनी है और इसके चेयरमैन व प्रबंध निदेशक सुंदर लाल डूंगर हैं। कंपनी ने दिसंबर 2009 में खत्म तिमाही में 14.75औरऔर भी

देश के शेयर बाजारों में सूचीबद्ध 27 फीसदी कंपनियों में पिछले कई महीनों से कोई कारोबार नहीं हो रहा है। इनमें से ज्यादातर कंपनियों के प्रवर्तक अपने शेयर पहले ही बेचकर निकल चुके हैं। लेकिन लाखों आम निवेशक इनमें से ऐसा फंसे हैं कि न उनसे उगलते बन रहा है और न ही निगलते। करोड़ों के इस गड़बड़झाले पर न तो सेबी का कोई ध्यान है और न ही कॉरपोरेट मामलात इसे तवज्जो दे रहा है। बॉम्बेऔरऔर भी

सरकार लिस्टेड कंपनियों में आम निवेशकों की शिरकत व हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए बेचैन है। इस सिलसिले में वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने पिछले साल जुलाई में ही बजट पेश करते वक्त ऐसी कंपनियों में आम निवेशकों या पब्लिक की शेयरधारिता कम से कम 25 फीसदी रखने का प्रस्ताव रखा था। इस पर अमल की तैयारियां तेज हो गई हैं। वित्त मंत्रालय और कॉरपोरेट मामलात मंत्रालय के साथ के कानून मंत्रालय को भी हरकत में आना पड़ाऔरऔर भी

बाजार का रुख आज अच्छा और स्थिर रहा क्योंकि वित्त वर्ष के अंत में अब बस दो दिन ही बचे हैं। बाजार का रुख तय करने में कुछ हद तक एनएवी (शुद्ध आस्ति मूल्य) के दबाव की भी भूमिका है। दुनिया के बाजार भी स्थिर हैं। मेरा मानना है कि इस अप्रैल में ब्याज दरें बढ़ाए जाने की कोई संभावना नहीं है। फिर भी असल में क्या होता, इसे बता पाना किसे के लिए संभव नहीं है।औरऔर भी

एशियाई बाजारों की चाल से कदम से मिलाते हुए बीएसई सेंसेक्स 17644 अंक पर बंद हुआ। अमेरिका में बेरोजगारी के नए आंकड़ों ने शुभ संकेत दिए हैं। इसका वहां के बाजार के साथ ही दुनिया के दूसरे बाजारों पर अच्छा असर पड़ा है। हालांकि फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (एफ एंड ओ) के नए सेटलमेंट के पहले दिन नई खरीद हुई है। लेकिन वित्त वर्ष का आखिरी दौर होने के कारण कारोबार या वॉल्यूम का स्तर कमजोर ही बनाऔरऔर भी

बाजार के ज्यादातर कारोबारी निफ्टी के 4950 से 5050 अंक के स्तर के बीच शॉर्ट सौदे करके फंस चुके हैं। इसलिए वे करेक्शन या गिरावट के पक्ष में हैं। जाहिर है उन्हें निफ्टी में १५० या इससे ज्यादा अंकों की गिरावट का इंतजार है। लेकिन यह भी सच है करेक्शन आपके चाहने पर कभी नहीं आता। हो सकता है कि मौजूदा सेटलमेंट तेजड़ियों के पक्ष में जाए क्योंकि निफ्टी में 5100 सीरीज के 75 लाख शेयरों औरऔरऔर भी

बजट ने यकीनन बाजार की प्रमुख चिंताओं का ख्याल रखा है। वित्त मंत्री सरकार की बाजार उधारी को 3.45 लाख करोड़ रुपए तक लाने में कामयाब रहे हैं, जबकि एनालिस्ट लोग 4.75 लाख करोड़ की उम्मीद कर रहे थे। यह भी वाकई चौंकानेवाली बात रही कि आयकर में रियायतें दी गई हैं। वह भी तब, जब सरकार को राजस्व जुटाने में मुश्किल आ रही है। सरकार के प्रत्यक्ष कर प्रस्तावों से उसकी कर आमदनी में 26,000 करोड़औरऔर भी

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के ताजा आंकड़े आ चुके हैं। दिसंबर में 16.8 फीसदी बढ़त के साथ इसने सोलह सालों का शिखर छू लिया है। भले ही यह छलांग वैश्विक मंदी के दौरान साल भर पहले इसी महीने में 0.2 फीसदी की गिरावट की तुलना में हो, लेकिन इसने हमारी अर्थव्यवस्था के पटरी पर लौट आने की पुष्टि कर दी है। सोमवार को बाजार खुलेगा तो इस खुशी का खुमार माहौल में छाया रहेगा। ऊपर से सोमवारऔरऔर भी