लक्ष्मी एनर्जी से आएंगी लक्ष्मी

तलहटी पर खरीदने का अपना सुख होता है। हां, इस सुख में थोड़ा दुख तब हो जाता है जब शेयर अगले दिन या उसके अगले-अगले दिन नई तलहटी पकड़ लेता है। ऐसे में रणनीति थोड़ी-थोड़ी खरीद की होनी चाहिए। जितना गिरता जाए शेयर, हम खरीदते जाएं और इस तरह अपनी औसत लागत कम करते जाएं। आप बीएसई या एनएसई में शाम तो देख लीजिए कि कौन-सा शेयर न्यूनतम स्तर पर पहुंचा है। उसके बाद देखिए कि कंपनी का कामकाज कैसा है, ईपीएस कितना है, बुक वैल्यू कितनी है। सब दुरुस्त लगे तो शेयर को लंबे समय के लिए खरीद कर रख लेना चाहिए। बस, एक दिक्कत है कि बी ग्रुप के शेयरो में ज्यादा खरीद-फरोख्त नहीं होती। ऐसा इसलिए कि अभी तो बाजार ऑपरेटरों और बड़े निवेशकों के हाथ में है। जिस दिन से रिटेल निवेशक बाजार में वापसी कर देंगे, यह समस्या भी हल हो जाएगी।

तो, आज तलहटी पर पहुंचे बी ग्रुप के एक ऐसे ही शेयर की चर्चा। बीएसई अब भी इसे लक्ष्मी ओवरसीज इंडस्ट्रीज लिखता है, जबकि कंपनी का नाम करीब चार साल पहले बदलकर लक्ष्मी एनर्जी एंड फूड्स लिमिटेड किया जा चुका है। उसके शेयर का अंकित मूल्य 2 रुपए है और वह बीएसई (कोड – 519570) और एनएसई (कोड – LAKSHMIEFL) में लिस्टेड है। शेयर कल, मंगलवार को बीएसई में 90 रुपए और एनएसई में 89.95 रुपए पर बंद हुआ है। कल ही यह बीएसई में 89 रुपए की तलहटी पर पहुंचा है। हालांकि एनएसई में इसका न्यूनतम स्तर 80.20 रुपए का है।

कंपनी ने वित्त वर्ष 2009-10 में 692.30 करोड़ रुपए की आय पर 93.72 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया और उसका ईपीएस (प्रति शेयर लाभ) 14.83 रुपए था। इस साल जून की तिमाही में 338.69 करोड़ की आय पर 18.09 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया है। हालांकि पिछले साल की पहली तिमाही की तुलना में उसका शुद्ध लाभ घटा है, लेकिन बिक्री लगभग दोगुनी हो गई है। कंपनी के शेयर की बुक वैल्यू 98.47 रुपए है जो उसके शेयर के मौजूदा बाजार मूल्य से ज्यादा है। उसका ठीक पहले के बारह महीनों (टीटीएम) का ईपीएस 15 रुपए है और उसका शेयर महज 6 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है।

हरित क्रांति के केंद्र पंजाब की इस कंपनी ने करीब तीस साल पहले बासमती और गैर-बासमती चावल से अपना धंधा शुरू किया था। लेकिन अब वह चावल की भूसी का भी औद्योगिक इस्तेमाल करने लगी है। वह इससे खाद्य राइस ब्रान ऑयल व डी-ऑयल्ड केक के साथ ही बिजली भी बनाती है। जून 2010 की तिमाही में बिजली से उसे 27.55 करोड़ की आय और 10.68 करोड़ का लाभ हासिल हुआ है। पिछले वित्त वर्ष 2009-10 में बिक्री व लाभ में बिजली का योगदान क्रमशः 122.16 करोड़ व 75.03 करोड़ रुपए का रहा है। कंपनी ने गेहूं और आटे का व्यवसाय भी शुरु कर रखा है। वह हर कदम पर वैल्यू एडिशन करती है और एक तिनका भी बरबाद नहीं होने देती। कंपनी की इस रणनीति के पीछे उसके चेयरमैन व प्रबंध निदेशक बलवीर सिंह उप्पल की गहरी सूझबूझ और अनुभव है।

कंपनी की इक्विटी 12.64 करोड़ रुपए है। इसमें प्रवर्तकों का हिस्सा 44.97 फीसदी है। एफआईआई के पास कंपनी के 25.08 फीसदी और डीआईआई (घरेलू संस्थाओं) के पास 5.87 फीसदी शेयर हैं। कंपनी के बड़े शेयरधारकों में नवभारत एंटरप्राइसेज (9.89 फीसदी), मेरिल लिंच कैपिटल मार्केट्स (4.83 फीसदी), स्विस फाइनेंस कॉरपोरेशन (4.59 फीसदी) और आईडीएफसी प्रीमियर इक्विटी फंड (4.19 फीसदी) शामिल हैं। कंपनी के कुल शेयरधारकों की संख्या 14,315 है। इसमें अगला नाम आपका भी जुड़ सकता  है।

अंत में बस इतना बताना है कि हीरो होंडा से होंडा रुखसत होगी, यह खबर सूत्रों से मिली जानकारी व सहज विश्लेषण के आधार पर हमने पूरे एक हफ्ते पहले लगा दी थी। कल रात यह ईटी नाऊ की एक्सक्यूसिव स्टोरी थी और आज ईटी में बाकायदा शो-केस की गई है। लेकिन क्या करें! हमारी बात तो वही है कि जंगल में मोर नाचा, किसने देखा? आपसे गुजारिश है कि मोर नाच रहा है तो कम से कम अपने परिचितों तक तो यह खबर पहुंचा दीजिए। इससे अर्थकाम को काफी संबल मिलेगा।

1 Comment

  1. सर अर्थकाम अपनी पहचान बना चुका है,और आज तक आप का कोई खबर गलत नहीं हुआ ये मेरा अपना अनुभव है। समय के साथ बाकी भी समझ जाएँगे

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