जन्माष्टमी पर चहके बालकृष्ण

जन्माष्टमी पर ध्यान बालकृष्ण पर न जाता तो आश्चर्य होता। सो, पहले से ज्यादा लोगों ने बालकृष्ण इंडस्ट्रीज के शेयरों की खरीद की और यह शेयर बीएसई में (कोड – 502355) 6.27 फीसदी बढ़कर 710.60 रुपए और एनएसई में (कोड – BALKRISIND) 6.35 फीसदी बढ़कर 713.90 रुपए पर बंद हुआ। ठहरे हुए बाजार में किसी भी शेयर का एक दिन में 6 फीसदी से ज्यादा बढ़ जाना मायने रखता है। लेकिन बालकृष्ण इंडस्ट्रीज पर ध्यान दें तो वह खुद तमाम उद्योगों के साथ ही निवेशकों के लिए बहुत मायने रखती है।

यह सियाराम पोद्दार समूह की कंपनी है। कृषि, इंडस्ट्रियल व कंस्ट्रक्शन, अर्थ मूविंग मशीनों, ऑल टेरैन वाहन (एटीवी) और लॉन व गार्डन के वाहनों में इस्तेमाल होनेवाले टायर बनाती है। यूं समझ लीजिए कि क्रेन टाइप वाहनों में जो खास किस्म के बड़े-बड़े टायर लगे होते हैं, कंपनी उन्हें बनाती है। इन्हें वह ‘ऑफ-हाइवे टायर’ कहती है। बीकेटी के ब्रांड नाम से बेचती है। अपना 95 फीसदी टायर उत्पादन निर्यात कर देती है, जिसमें से 70 फीसदी हिस्सा यूरोप जाता है जहां के बड़े-बड़े खेतों में काम आनेवाले वाहनों में इनका जमकर इस्तेमाल होता है। वह उत्तरी व दक्षिणी अमेरिका, मध्य-पूर्व, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और एशिया के देशों को भी निर्यात करती है। 100 से ज्यादा देशों में उसकी मौजूदगी है और वह दुनिया में न्यूमेटिक टायरों की प्रमुख निर्माताओं में गिनी जाती है।

वित्तीय मोर्चे पर भी कंपनी की उपलब्धियां मजबूत नजर आती हैं। वित्त वर्ष 2009-10 में उसने 1394.30 करोड़ रुपए की आय पर 208.73 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया और उसका ईपीएस (प्रति शेयर लाभ) रहा 107.97 रुपए। कंपनी की इक्विटी 19.33 करोड़ रुपए है जो 10 रुपए अंकित मूल्य के शेयरों में बंटी है। इसमें प्रवर्तकों की हिस्सेदारी 54.37 फीसदी है। एफआईआई के पास इसके 15.67 फीसदी तो डीआईआई के पास 13.76 फीसदी शेयर हैं। इस तरह कंपनी के खुले घूम सकनेवाले शेयरों का अनुपात महज 16.2 फीसदी है।

कंपनी के छोटे-बडे सभी शेयरधारकों की संख्या 7705 है। शायद इससे ज्यादा तो इसके कर्मचारी होंगे। यही वजह है कि इस स्टॉक में वोल्यूम ज्यादा नहीं होता। बीएसई में पिछले दो हफ्ते में औसत कारोबार इसमें 8070 शेयरों का रहा है। कल जन्माष्टमी के दिन अचानक 38,960 शेयरों का कारोबार हो गया तो सबके के लिए बड़ी बात हो गई। एनएसई में कल इसके 29,568 शेयरों का कारोबार हुआ। लेकिन मुक्त शेयरों की कम संख्या भाव में तेज बढ़त का आधार भी बन जाती है क्योंकि छिछले पानी में ज्यादा तेज लहरें उठती हैं। हालांकि बालकृष्ण इंडस्ट्रीज में खुद इतना दम है कि उसके शेयर को बढ़ना ही है।

कंपनी ने चालू वित्त वर्ष 2010-11 में जून की पहली तिमाही में 457.63 करोड़ रुपए की आय पर 44.37 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ हासिल किया है। उसका ठीक पिछले बारह महीनों (टीटीएम) का ईपीएस 102.71 रुपए है और उसका शेयर महज 6.92 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है। पी/ई 10 पर भी गया तो शेयर 1027 रुपए पर चला जाएगा। कंपनी की प्रति शेयर बुक वैल्यू 364.76 रुपए है यानी मौजूदा शेयर भाव से लगभग आधी। कंपनी लगातार अच्छा-खासा लाभांश भी दे रही है। जैसे, इस साल के लिए उसने 10 रुपए के शेयर पर 7 रुपए, यानी 70 फीसदी लाभांश दिया है। 2004 और 2005 में वह दो बार बोनस शेयर भी अपने निवेशकों को दे चुकी है। पिछले ही हफ्ते प्रवर्तकों ने लगता है कि अपनी शेयरधारिता को लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप (एलएलपी) में डाला है क्योंकि 28 अगस्त को कंपनी के 93,48,896 शेयर (48.36 फीसदी) जीपीपी एंटरप्राइसेज एलएलपी और आरएपी एंटरप्राइसेज एलएलपी ने खरीदे हैं। इसका और ज्यादा ब्यौरा नहीं मिल सका है।

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