मोदी सरकार ने शपथ लेने के हफ्ते भर में ही ‘मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस’ के नारे का नमूना दिखाते हुए पिछली यूपीए सरकार द्वारा बनाए गए मंत्रियों के तीस समूह खत्म कर दिए थे। वे समूह विभिन्न मंत्रालयों में आपसी समन्वय के लिए बनाए गए थे। लेकिन अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा को खुश करने की बात आई तो सरकार ने अमेरिका के त्‍वरित निवेश प्रस्‍तावों और इनके कार्यान्‍वयन से संबंधित मुद्दों का समाधान करने के लिएऔरऔर भी

अमेरिका ने अपने रक्षा बजट में अगले दस सालों के दौरान 488 अरब डॉलर की कटौती की घोषणा की है। साथ ही अगले पांच साल में थल सेना में करीब 70,000 और मरीन कोर में 22,000 सैनिक घटाए जाएंगे। इसके अलावा युद्धपोतों को भी रिटायर किया जाएगा। 9 सितंबर 2001 के हमले के बाद अमेरिका के रुख में आया यह ऐतिहासिक बदलाव है। अमेरिकी रक्षा मंत्री लियोन पैनेटा ने वॉशिंगटन में गुरुवार को रक्षा बजट में कटौतीऔरऔर भी

अमेरिकी संसद के ऊपरी सदन, सीनेट ने राष्ट्रपति बराक ओबामा की सरकार के उस प्रस्ताव को रोक दिया है जिसमें देश के स्कूली भोजन में आलू पर नियंत्रण लगाने की पेशकश की गई है। सांसदों ने उस संशोधन का भी समर्थन किया जिसके अनुसार स्कूलों में किसी भी सब्ज़ी की मात्रा पर नियंत्रण नहीं लगाया जा सकेगा। ओबामा प्रशासन के प्रस्ताव के अनुसार स्कूलों में बच्चों को एक हफ्ते में दो बार से अधिक बार आलू याऔरऔर भी

बराक ओबामा ने अमेरिका में नौकरियों के नए अवसरों को प्रोत्साहित करने के लिए 447 अरब डॉलर के पैकेज की घोषणा कर दी। वहां अगले साल राष्ट्रपति चुनाव होने हैं तो ओबामा को ऐसा कुछ करना ही था। इससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था की हालत में थोड़ा और सुधार आएगा। यह अलग बात है कि इस पैकेज की राह में आनेवाली राजनीतिक अड़चनों की सोचकर अमेरिका व यूरोप के बाजारों ने इस पर तल्ख नकारात्मक प्रतिक्रिया दिखाई है। अपनेऔरऔर भी

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस बात पर गंभीर चिंता जताई है कि उनका देश विज्ञान और गणित के क्षेत्र में तेजी से भारत और चीन जैसे देशों से पिछड़ता जा रहा है। उन्होंने कहा कि पारंपरिक रूप से इन क्षेत्रों में अमेरिका को तुलनात्मक रूप से बढ़त हासिल थी, लेकिन अब वह भारत और चीन जैसे देशों से पिछड़ता जा रहा है। अमेरिका के ग्रामीण इलाकों की तीन दिन की बस यात्रा के समापन के बादऔरऔर भी

अमेरिका में भी राजनीतिक शोशेबाजी कम नहीं है। राष्ट्रपति बराक ओबामा ने घोषित किया है कि वे तीन राज्यों का दौरान सरकारी लाव-लश्कर के साथ नहीं, बल्कि बस से करेंगे। उनके एक सहयोगी के मुताबिक इसका उद्देश्य अवाम की आर्थिक दिक्कतों को समझना और उन्हें अर्थव्यवस्था के संकट के प्रति जागरूक बनाना है। असल में अगले साल अमेरिका में राष्ट्रपति के चुनाव होने हैं और ओसामा बिन लादेन के संहार के बावजूद ओबामा की लोकप्रियता अब तकऔरऔर भी

अमेरिका अपने शेयर बाजारों में जारी गिरावट को रोकने के लिए शॉर्ट सेलिंग पर बैन लगा सकता है। असल में बराक ओबामा की सरकार अंदर ही अंदर मानती है कि स्टैंडर्ड एंड पुअर्स (एस एंड पी) की तरफ से डाउनग्रेड किया जाना विशुद्ध रूप से आर्थिक नहीं, बल्कि राजनीतिक कदम है। इसलिए इसके पीछे काम कर रही लॉबी को बेअसर करना जरूरी है। सूत्रों के मुताबिक एस एंड पी के इस कदम को बदले की कार्रवाई भीऔरऔर भी

अल-कायदा सरगना ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की लोकप्रियता काफी तेजी से बढ़ गई थी। लेकिन एक ताजा राष्ट्रीय सर्वेक्षण के अनुसार, अर्थव्यवस्था को लेकर अनिश्चितता के कारण अब उनकी लोकप्रियता में गिरावट दर्ज की गई है। वॉशिंगटन पोस्ट-एबीसी के सर्वेक्षण में कहा गया है कि अधिकतर अमेरिकियों की राय है कि बराक सरकार ऐसे मुद्दों को तवज्जो दे रही है जो महत्वपूर्ण नहीं हैं। इसके अलावा 10 में सेऔरऔर भी

कच्चे तेल का हल्ला हमारे लिए बेमतलब है। मध्य-पूर्व में राजनीतिक संकट उभरने के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़ते ही जा रहे हैं। लेकिन इसी दौरान निफ्टी 5400 से 5900 और सेंसेक्स 18,000 से 19,750 तक बढ़ चुका है। मतलब यह कि फिलहाल भारतीय बाजार को गिराने या उठाने के कारकों में तेल का उतना हाथ नहीं है। एक सोच कहती है कि तेल की हालत अर्थव्यवस्था में पलीता लगा देगी और इसलिएऔरऔर भी

पूरा देश भ्रष्टाचार के खिलाफ गोलबंद। दस करोड़ एसएमएस। देश के करीब 80 शहरों से 44 लाख ट्वीट। पुरानी पीढ़ी से लेकर नई पीढ़ी तक। जगह-जगह हजारों लोग हाथों में मोमबत्तियां लिए अण्णा हजारे के साथ आ खड़े हुए। सरकार को इस जन-उभार के आगे झुकना पड़ा। इसी के साथ एक और बात सामने आई है कि हम जिन्हें राष्ट्रवाद के साथ जोड़कर देखते हैं, हमारे वे क्रिकेट खिलाड़ी केवल उस बीसीसीआई के लिए खेलते हैं जिसकेऔरऔर भी