अमेरिका में शॉर्ट सेलिंग को बैन करने की तैयारी

अमेरिका अपने शेयर बाजारों में जारी गिरावट को रोकने के लिए शॉर्ट सेलिंग पर बैन लगा सकता है। असल में बराक ओबामा की सरकार अंदर ही अंदर मानती है कि स्टैंडर्ड एंड पुअर्स (एस एंड पी) की तरफ से डाउनग्रेड किया जाना विशुद्ध रूप से आर्थिक नहीं, बल्कि राजनीतिक कदम है। इसलिए इसके पीछे काम कर रही लॉबी को बेअसर करना जरूरी है।

सूत्रों के मुताबिक एस एंड पी के इस कदम को बदले की कार्रवाई भी माना जा रहा है। असल में 4 अगस्त को मूडीज और एस एंड पी के इटली में मिलान स्थित दफ्तर पर पुलिस ने छापे डाले थे। यह छापे इस आरोप के बाद मारे गए थे कि ये रेटिंग एजेंसियां साजिशन वित्तीय उथलपुथल पैदा करना चाहती हैं। इसके एक दिन बाद ही 5 अगस्त को एस एंड पी ने अमेरिका के इतिहास में पहली बार उसकी रेटिंग एएए से घटाकर एए+ कर दी।

उस दिन भी अमेरिकी वित्त मंत्रालय या ट्रेजरी के कार्यवाहक सहायक सचिव ने आपत्ति जताई थी कि रेटिंग एजेंसी ने अपनी गणना में 2 लाख करोड़ डॉलर की गलती की है। लेकिन एस एंड पी के प्रबंध निदेशक डेविड बीयर्स ने इसको अनदेखा कर दिया। उनका कहना था कि अमेरिका में नीति संबंधी राजनीतिक फैसलों में जिस तरह की अनिश्चितता है, उसे देखते हुए एएए की रेटिंग सही नहीं लगती।

बता दें कि साल 2007 से ही एस एंड पी के अध्यक्ष झारखंड में पले-बढ़े अनिवासी भारतीय देवेन शर्मा हैं। वे भारतीय क्रेडिंट रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के चेयरमैन भी हैं। आरोप है कि वे अक्सर प्रोफेशनल नहीं, बल्कि बदले की भावना से काम करते हैं। जैसे, 7 अगस्त को जब दुनिया के जानेमाने निवेशक और बर्कशायर हैथावे कंपनी के प्रमुख वॉरेन बफेट ने बयान दिया कि उन्हें एस एंड पी द्वारा अमिरिका की संप्रभु रेटिंग घटाना सही नहीं लगता। वे इससे सहमत नहीं है। उसके अगले दी दिन एस एंड पी ने कोई बहाना तलाश कर बर्कशायर हैथावे को ही डाउनग्रेड कर दिया।

खैर, इन सारे घटनाक्रमों के बीच दुनिया भर के देश अपने शेयर बाजारों में गिरावट को रोकने के लिए शॉर्ट सेलिंग पर बैन लगाते जा रहे हैं। यूरोप में 2003 के बाद से बाजार में गिरावट का सबसे लंबा दौर चल रहा है। इसलिए फ्रांस व जर्मनी शॉर्ट सेलिंग रोकने पर विचार कर रहे हैं। एशियाई देश दक्षिण कोरियाई इसकी तैयारी कर चुका है। और, अमेरिका भी कल डाउ जोंस में 600 अंकों की गिरावट के बाद तिलमिला गया है। लेहमान संकट के बाद भी अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों में शॉर्ट सेलिंग पर फौरी रोक लगा दी थी।

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