नौकरियां बढ़ाने के लिए ओबामा का 447 अरब डॉलर का पैकेज दुनिया के बाजारों में चहक नहीं ला सका क्योंकि समयसिद्ध नियम है कि जब भी कोई अच्छी खबर आती है, निवेशक हमेशा बेचते हैं। यह भी कि यह पैकेज रातोंरात असर नहीं दिखा सकता। लेकिन इसने इतना तो साबित कर दिया कि व्हाइट हाउस मानता है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था की हालत अच्छी नहीं है। इन हालात में दोतरफा बिकवाली होनी ही थी। जिन्होंने सुधार की उम्मीदऔरऔर भी

कैबिनेट ने गुरुवार को सरकारी कंपनी नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (एबीसीसी) को शुरुआती पब्लिक ऑफर (आईपीओ) लाने की इजाजत दे दी। अभी कंपनी की सारी की सारी 90 करोड़ रुपए की चुकता पूंजी भारत सरकार के पास है। इसमें से 10 फीसदी इक्विटी सरकार बेचेगी, जिससे कुल 250 करोड़ रुपए जुटाने की योजना है। यह रकम चालू वित्त वर्ष 2011-12 में विनिवेश के लिए निर्धारित 40,000 करोड़ रुपए के लक्ष्य के सामने इतनी कम है कि कोईऔरऔर भी

सरकार चालू वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के विनिवेश से 40,000 करोड़ रुपए जुटाने के लक्ष्य को नीचे ला सकती है। केंद्रीय विनिवेश सचिव मोहम्मद हलीम खान ने सोमवार को मुंबई में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान यह इशारा किया। जब उनसे पूछा गया कि क्या सरकार शेयर बाजार में चल रही उछल-पुछल के मद्देनजर चालू वित्त वर्ष के लिए निर्धारित विनिवेश लक्ष्य को घटाने पर विचार कर रही है, तब उनका कहना था, “यहऔरऔर भी

आखिरकार नॉर्थ ब्लॉक में राजनीतिक गतिरोध टूटता हुआ दिख रहा है। आठ सालों बाद वित्त मंत्रालय विनिवेश का पल्लू छोड़कर पूरी तरह निजीकरण की तरफ निर्णायक कदम बढ़ा रहा है। स्कूटर्स इंडिया को बेचने का फैसला हो चुका है। राज्यों के चुनाव नतीजों ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले की जांच व कार्रवाई को लेकर सारी उहापोह खत्म कर दी है। संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) इसकी जांच कर ही रही है। डीएमके को अवाम ने सत्ता से बाहरऔरऔर भी

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने मंगलवार को अपनी बैठक में दो प्रमुख सरकारी खनन कंपनियों कोल इंडिया और हिंदुस्तान कॉपर के विनिवेश को हरी झंडी दे दी। लेकिन तय हुआ है कि कोल इंडिया में कोई नए शेयर नहीं जारी किए जाएंगे और सरकार की 10 फीसदी हिस्सेदारी ही बेची जाएगी, जबकि हिंदुस्तान कॉपर में 10 फीसदी सरकारी इक्विटी बेचे जाने के साथ-साथ 10 फीसदी नए शेयर जारी किएऔरऔर भी