सेंसेक्स आज 300 अंक नहीं बढ़ा, बल्कि 200 अंक से ज्यादा का गोता लगा गया। लेकिन रोलओवर की तकलीफ अब बीतती दिख रही है। मेरा मानना है कि जिन स्टॉक्स में रिटेल निवेशक व ट्रेडर लांग रहे हैं, वे बदतर स्तर पर बंद होंगे। इनमें एचडीआईएल, वोल्टास और वीआईपी जैसे स्टॉक्स शामिल हैं जिन्होंने इस सीरीज में अच्छा-खासा रिटर्न दिया है। आज एचडीआईएल 5.72 फीसदी, वोल्टास 3.99 फीसदी और वीआईपी इंडस्ट्रीज 4.19 फीसदी गिरा है। दूसरी तरफऔरऔर भी

हमने निफ्टी में सारी लांग कॉल्स शुक्रवार को ही बंद कर दी थीं क्योंकि हमें अच्छी तरह पता था कि पी-नोट का मसला सप्ताहांत पर उछाला जाएगा। ऑपरेटर 65 लाख पुट यानी बेचने के ऑप्शंस सौदे कर चुके थे। इसलिए बाजार को कमजोरी के साथ ही खुलना था। निफ्टी साढ़े दस बजते-बजते 5195 तक चला गया जो 200 दिनों के मूविंग औसत (डीएमए) के बेहद करीब है। फिर बड़े स्टॉप लॉस लग गए और जो लोग लांगऔरऔर भी

मैंने कल जो कहा था, वो आज हो गया। कल अफवाहों और प्लांटेड खबरों के चलते बाजार तीखी गिरावट का शिकार हुआ था तो आज की दिशा लगभग तय थी। कल तय लक्ष्य था ट्रेडरों को भरमाना तो उस्तादों को लगा कि उन्हें दो बजे से बाजार बंद होने तक ही बेचने की जरूरत है। तीखी गिरावट के बावजूद कल एफआईआई शुद्ध खरीदार रहे थे। उन्होंने 2396.83 करोड़ रुपए की बिकवाली की थी तो 2643.39 करोड़ कीऔरऔर भी

हमने परसों ही कहा था कि बाजार 300 से 350 अंक बढ़ सकता है, जिसकी वजह और कुछ नहीं, बल्कि रोलओवर का दौर होगा। बाजार ने बजट पर बुरी तरह प्रतिक्रिया दिखाई और लोग शॉर्ट करने के चक्कर में पड़ गए। इसलिए बाजार को वापस उठना ही था। निफ्टी आज 90 अंक से ज्यादा बढ़कर 5364.95 पर बंद हुआ है, जबकि निफ्टी फ्यूचर्स का आखिरी भाव 5403.75 रहा है। मुझे अब कोई आश्चर्य नहीं होगा जो निफ्टीऔरऔर भी

मेरे तईं रेल बजट बाजार के लिए कोई खास मायने नहीं रखता। हम बखूबी जानते हैं कि चाहे वो रेल बजट हो या आम बजट, सरकार के लिए धन जुटाना बड़ी समस्या है। फिर भी रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने सालों बाद किराया बढ़ाने की जुर्रत की है, जिसके लिए उनकी दाद देनी पड़ेगी। हालांकि मैं तो अर्थव्यवस्था की उस सूक्ष्म तस्वीर को पकड़ने की कोशिश कर रहा हूं जो निश्चित रूप से बजट के छोटे दायरेऔरऔर भी

मेरा यकीन अब हकीकत बन चुका है। कल ही मैंने कहा था कि निफ्टी जरूर से जरूर 5500 तक पहुंच जाएगा। और, आज ऐसा हो गया। निफ्टी ने तीन बजे के आसपास 5542.10 की ऊंचाई पकड़ ली और अंत में 2.14 फीसदी की भारी बढ़त के साथ 5531.95 पर बंद हुआ है। निफ्टी फ्यूचर्स तो 5564.45 पर जाने के बाद 5551.40 पर बंद हुआ है। सारे शॉर्ट सौदे कट चुके हैं। बाजार ओवरबॉट अवस्था में पहुंच चुकाऔरऔर भी

बीत गया सितंबर महीना। ऐतिहासिक रूप से मंदड़ियों की मौज का वो महीना, जब उन्होंने जमकर नोट बनाए। इस दौरान निफ्टी सुधरकर 5170 तक गया तो धड़ाम से गिर भी गया। फिर वापस 5030 तक चला गया। इसका मतलब कि जिसने भी गिरने पर खरीदने की रणनीति अपनाई होगी, अंत में वह फायदे में रहा होगा। निफ्टी में इस बार रोलओवर पिछले महीने के 72 फीसदी की तुलना में 61 फीसदी रहा है जो साफ दर्शाता हैऔरऔर भी

बाजार खुलते ही निफ्टी 5645 तक चला गया। लेकिन बड़ी साफ वजहों से खुद को इस स्तर पर टिकाए नहीं रख सका और धड़ाधड़ 5555 तक गिर गया। बंद हुआ है 0.83 फीसदी की गिरावट के साथ 5567.05 पर। ट्रेडर भौचक और भ्रमित हैं। उनका वही पुराना सवाल है कि बाजार इस तरह आखिर गिरा क्यों? तो प्यारे! यह रोलओवर की पुरानी तकलीफ है। इस डेरिवेटिव सेटलमेंट की एक्सपायरी में सिर्फ सात दिन बचे हैं। इस बीचऔरऔर भी

बाजार को दोपहर करीब एक घंटे तक दबे रहने के बाद सुधरना पड़ा और निफ्टी 0.84 फीसदी की बढ़त लेकर 5613.55 पर बंद हुआ। कारण, तेजड़िए पिछले दो हफ्तों से लांग हैं या आसान शब्दों में कहा जाए तो बढ़त की उम्मीद में खरीद किए पड़े हैं और वे अब भी नई खरीद किए जा रहे हैं। इसका मतलब यही हुआ कि बाजार निफ्टी को 6000 की तरफ उठाए जा रहा है। हालांकि तेजड़ियों ने 5600 केऔरऔर भी

निराशा का कोई अंत नहीं। मंदड़ियों को कभी यकीन ही नहीं आएगा कि तेजी का आगाज हो चुका है और अब निफ्टी के 6300 तक पहुंचने की भड़क खुल चुकी है। निफ्टी आज 5596.60 तक जाने के बाद मामली गिरावट के साथ 5567.05 पर बंद हुआ है। सेंसेक्स भी 0.30 फीसदी गिरकर 18,507.04 पर बंद हुआ है। ट्रेडरों को हमेशा पढ़ाया क्या, चढ़ाया जाता है कि वे बाजार चलानेवाले उस्तादों और एफआईआई से भी बेहतर पारखी हैं।औरऔर भी