कोंपल और नशा
कोंपल फूटती है तो बड़ी ही बेचैन होती है। फौरन उसे किसी तलब की, तसल्ली की जरूरत होती है। खटाखट बढ़ने व खिलने के दौर में हमारे साथ भी यही होता है। संभले नहीं तो नशा हमें धर दबोचता है।और भीऔर भी
सेबी ने सहारा के बारे में लोगों को आगाह किया
पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी ने निवेशकों को चेतावनी दी है कि सहारा समूह की दो कंपनियां उसकी मंजूरी के बिना ही लोगों से धन जुटाती रही हैं और अगर निवेश के साथ कुछ कुछ उंच-नीच होता है तो सेबी उस समय उनकी शिकायतों का निवारण नहीं कर सकेगी। सेबी ने शुक्रवार को जारी एक सार्वजनिक नोटिस में कहा कि सहारा इंडिया रीयल एस्टेट कॉरपोरेशन और सहारा हाउसिंग इनवेस्टमेंट कॉरपोरेशन के निवेशकों को अपने खुद के जोखिमऔरऔर भी
सेबी को सहारा से नाम जानने का पूरा हक
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सहारा समूह की यह दलील खारिज कर दी कि उसकी जिन दो कंपनियों – सहारा इडिया रीयल एस्टेट कॉरपोरेशन और सहारा हाउसिंग इनवेस्टमेंट कॉरपोरेशन को पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी ने पब्लिक से धन जुटाने से रोका है, उस पर सेबी का कोई अधिकार नहीं बनता और वे कंपनी रजिस्ट्रार के अधिकार क्षेत्र में आती हैं। मुख्य न्यायाधीश एस एच कपाडिया की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा, “हम यहऔरऔर भी
2011 तोड़ेगा 2010 का रिकॉर्ड, आने हैं 90,000 करोड़ के पब्लिक इश्यू
साल 2010 पब्लिक इश्यू से जुटाई गई राशि के मामले में भारतीय कॉरपोरेट जगत में नया इतिहास बनाकर विदा हो रहा है। लेकिन नया साल 2011 इसको भी मात देने को तैयार दिख रहा है। कैलेंडर वर्ष 2010 में भारतीय कॉरपोरेट जगत ने पब्लिक इश्यू के जरिए 59,523 करोड़ रुपए जुटाए हैं। लेकिन कैलेंडर वर्ष 2011 में अगर सेबी के पास दाखिल निजी कंपनियों के प्रॉस्पेक्टस और सरकारी कंपनियों के विनिवेश को आधार बनाएं तो पब्लिक इश्यूऔरऔर भी
सहारा में डिपॉजिट की उल्टी गिनती शुरू
सहारा समूह की जिस कंपनी, सहारा इंडिया फाइनेंशियल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एसआईएफसीएल) ने अगले साढ़े तीन सालों के लिए भारतीय क्रिकेट टीम की स्पांसरशिप ली है, उसे डिपॉजिट लेने का सारा धंधा 30 जून 2011 तक समेट लेना होगा और 30 जून 2015 तक उसे जमाकर्ताओं से ली गई एक-एक पाई लौटा देनी होगी। यह वह अंतिम आदेश है जो भारतीय रिजर्व बैंक ने सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद 17 जून 2008 को जारी किया था। इसऔरऔर भी