पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी ने निवेशकों को चेतावनी दी है कि सहारा समूह की दो कंपनियां उसकी मंजूरी के बिना ही लोगों से धन जुटाती रही हैं और अगर निवेश के साथ कुछ कुछ उंच-नीच होता है तो सेबी उस समय उनकी शिकायतों का निवारण नहीं कर सकेगी।
सेबी ने शुक्रवार को जारी एक सार्वजनिक नोटिस में कहा कि सहारा इंडिया रीयल एस्टेट कॉरपोरेशन और सहारा हाउसिंग इनवेस्टमेंट कॉरपोरेशन के निवेशकों को अपने खुद के जोखिम पर निवेश करने या न करने का निर्णय करना चाहिए। नोटिस में कहा गया, ‘‘सेबी इन ओएफसीडी (ऑप्शनली फुली कनवर्टिबल डिबेंचर) के संबंध में किसी भी निवेशक की कोई भी शिकायत का निवारण करने की स्थिति में नहीं होगी।’’ नियामक ने कहा कि इन दो कंपनियों ने धन जुटाने के लिए नियामक की मंजूरी नहीं ली है।
सेबी ने कहा कि सहारा समूह की दो कंपनियां ओएफसीडी के जरिए धन जुटाती रही हैं और ये डिबेंचर ‘‘सेबी के नियमों के मुताबिक जारी नहीं किए गए।’’ नोटिस में आगे कहा गया है, ‘‘यह सार्वजनिक नोटिस निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए जारी की जा रही है।’’ नियामक ने कहा कि उसे इस तरह की शिकायतें मिलती रही हैं कि जिसमें आरोप लगाया गया है कि सहारा समूह की उक्त दोनों कंपनियां विभिन्न अंकित मूल्य और 15 साल तक की परिपक्वता अवधि के ओएफसीडी कई महीनों से जारी करती रही हैं।