2011 तोड़ेगा 2010 का रिकॉर्ड, आने हैं 90,000 करोड़ के पब्लिक इश्यू

साल 2010 पब्लिक इश्यू से जुटाई गई राशि के मामले में भारतीय कॉरपोरेट जगत में नया इतिहास बनाकर विदा हो रहा है। लेकिन नया साल 2011 इसको भी मात देने को तैयार दिख रहा है। कैलेंडर वर्ष 2010 में भारतीय कॉरपोरेट जगत ने पब्लिक इश्यू के जरिए 59,523 करोड़ रुपए जुटाए हैं। लेकिन कैलेंडर वर्ष 2011 में अगर सेबी के पास दाखिल निजी कंपनियों के प्रॉस्पेक्टस और सरकारी कंपनियों के विनिवेश को आधार बनाएं तो पब्लिक इश्यू से 90,000 करोड़ रुपए जुटाए जा सकते हैं।

जानीमानी ब्रोकरेज फर्म एसएमसी ग्लोबल सिक्यूरिटीज की एक अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार कोल इंडिया के आईपीओ की शानदार सफलता से बना उत्साह अब भी पब्लिक इश्यू बाजार में कायम है। सेबी के पास जमा कराए गए प्रॉस्पेक्टस के अनुसार साल 2011 में निजी क्षेत्र की 100 कंपनियों के पब्लिक इश्यू आने हैं। इनमें से 35 कंपनियों को इश्यू लाने के लिए सेबी की मंजूरी मिल चुकी है, जबकि 65 कंपनियों के इश्यू को अभी सेबी की मंजूरी मिलनी बाकी है।

सेबी ने जिन 35 प्रॉस्पेक्टस को हरी झंड़ी दे दी है, उनसे कुल 34,842.27 करोड़ रुपए जुटाए जाने हैं। इनमें सबसे बड़ा 7200 करोड़ रुपए का आईपीओ जिंदल पावर का है। इसके बाद 5000 करोड़ रुपए का प्रस्तावित आईपीओ रिलायंस इंफ्राटेल का है। साथ ही बड़े प्रस्तावित आईपीओ में गुजरात स्टेट पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (3067.16 करोड़), स्टरलाइट एनर्जी (3000 करोड़), लोढ़ा डेवलपर्स (2500 करोड़), लवासा कॉरपोरेशन (1663.31 करोड़), बीपीटीपी लिमिटेड (1500 करोड़) और एल एंड टी फाइनेंस होल्डिंग्स (1500 करोड़) शामिल हैं। सबसे छोटा आईपीओ अंकिता निटवियर का 25 करोड़ रुपए का है।

इसके अलावा जो 65 प्रॉस्पेक्टस सेबी की मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं, उनसे कुल 15,238.17 करोड़ रुपए जुटाए जाने हैं। इसमें से कुछ प्रमुख नाम हैं – सहारा प्राइम सिटी (3450 करोड़), एम्बैसी प्रॉपर्टी (2400 करोड़), एम्मार एमजीएफ (1324.53 करोड़), फ्यूचर वेंचर्स (750 करोड़), कल्पतरू (710 करोड़), माइक्रो मैक्स इनफॉर्मेटिक्स (426.04 करोड़), रीड एंड टेलर इंडिया (393.08 करोड़), निम्बस कम्युनिकेशंस (350 करोड़), जैन इंफ्रा प्रोजेक्ट्स (300 करोड़), प्राइड होटल्स (125 करोड़), जे पी इंफ्रा (122.07 करोड़) और बेतुल ऑयल (100 करोड़ रुपए) शामिल हैं। इनमें सबसे छोटा आईपीओ साईं सिल्क का 15 करोड़ रुपए का होगा।

हालांकि इनमें से कुछ आईपीओ काफी समय से किसी न किसी वजह से अटके पड़े हैं। सहारा प्राइम सिटी के इश्यू के बारे में सहारा समूह ने सेबी की तरफ से पूछे गए सवालों का स्पष्ट जवाब नहीं दिया है, जबकि एम्मार एमजीएफ का नाम राष्ट्रमंडल खेलों से जुड़े घोटाले में आ चुका है। लवासा कॉरपोरेशन का इश्यू पर्यावरण मंत्रालय के फच्चर के कारण अटका पड़ा है तो लोढ़ा डेवलपर्स को बाजार की माकूल स्थितियों का इंतजार है।

एसएमसी ग्लोबल के रणनीतिकार और रिसर्च प्रमुख जगन्नाधम तुनगुंटला मानते हैं कि बाजार की स्थितियां अनुकूल रहीं तो साल 2011 में देर-सबेर ये सारे आईपीओ आने हैं। इसके ऊपर से सरकार का सालाना लक्ष्य विनिवेश से 40,000 करोड़ रुपए जुटाने का है। ओएनजीसी तैयार बैठा है, इंडियन ऑयल लाइन में लगा है। सेल जैसी प्रमुख कंपनियों के एफपीओ (फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर) आने हैं। बता दें कि पब्लिक इश्यू में आईपीओ और एफपीओ दोनों को गिना जाता है।

इस तरह कैलेंडर वर्ष 2011 कुल 90,000 करोड़ रुपए के पब्लिक इश्यू का रिकॉर्ड बनाने को तैयार बैठा है, बशर्ते शेयर बाजार में अचानक भयंकर प्रतिकूल हालात न बन जाएं जिसकी गुंजाइश फिलहाल दूर-दूर तक नहीं नजर आती। मौजूदा राजनीतिक चिकचिक बजट सत्र तक खत्म होने की संभावना है। तुनगुंटला कहते हैं कि 2011 की सफलता के आगे अब तक सबसे सफल साल 2010 महज ट्रेलर साबित हो सकता है।

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