चुनौती नई ख्वाहिशों की
।।प्रणव मुखर्जी।। भारत आज उस मुकाम पर है जहां कुछ भी करना या पाना असंभव नहीं लगता। साथ ही बहुत सारी चुनौतियां भी हमारे सामने हैं जिन्हें सुलझाकर ही हमने इस दशक के अंत तक विकसित देश के रूप में उभर सकते हैं। इसमें सबसे बड़ी चुनौती है युवा भारत की बढ़ती अपेक्षाएं। यह आबादी का वो हिस्सा है जो बेचैन है। फिर भी डटा हुआ है और सामने आनेवाले हर अवसर को पकड़ने को तैयार है।औरऔर भी
9-10% हो सकती है आर्थिक विकास दर
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की मानें तो देश की आर्थिक विकास दर कुछ सालों में के 9 से 10 फीसदी तक पहुंच जाने का अनुमान है। वे बुधवार को नई दिल्ली में एक सरकारी समारोह में बोल रहे थे। लेकिन उनका कहना था कि अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में उत्पादकता को विस्तार देने के लिए ’खामियां’ दूर करने की कोशिश होनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते कुछ सालों में देश का आर्थिक प्रदर्शन ‘प्रभावशाली’ रहा है। देशऔरऔर भी