इस महीने की शुरुआत से इंडिया बुल्स समूह की लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में बढ़त का रुख अब डीएलएफ की राह पकड़ सकता है क्योंकि भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के नेता अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को हुई प्रेस क्रांफेंस में सोनिया गांधी परिवार के भ्रष्टाचार के सिलसिले में इंडिया बुल्स का भी नाम ले लिया। उन्होंने तमाम टीवी चैनलों से यह बात जरूर टिकर के रूप में चलाने का आग्रह किया और कहा कि वे इस बारे मेंऔरऔर भी

टीम अण्णा ने वह बात कह डाली जो अभी तक विपक्ष भी इतना खुलकर कहने में हिचकता रहा है। फिर. विपक्ष की विश्वनीयता इतनी कम है कि उसके कहे को राजनीतिक बयानबाजी मानकर कोई तवज्जो नहीं देता। लेकिन टीम अण्णा की बात को देश काफी गंभीरता से ले रहा है और कांग्रेस के तमाम नेताओं से लेकर लालू यादव जैसे विदूषक नेताओं के हमलों के बावजूद आम आदमी को अण्णा हज़ारे और उनके साथ चल रहे सामाजिक-राजनीतिकऔरऔर भी

एक तरफ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी भारत में वर्ष 2032 तक 63,000 मेगावॉट बिजली परमाणु संयंत्रों से बनाने का नारा लगा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ जर्मनी ने ऐलान किया है कि वह वर्ष 2022 तक अपने सारे परमाणु बिजली संयंत्र बंद कर देगा। जर्मनी यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। जापान में भूकंप व सुनामी के बाद हुए परमाणु हादसे के बाद किसी औद्योगिक शक्ति द्वारा पहली बार ऐसा कठोर फैसला लियाऔरऔर भी

गठबंधन की मजबूरियों को महंगाई पर नियंत्रण में बाधक बताये जाने संबंधी कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी के बयान को बीजेपी ने हास्यापद बताया है। बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस में नेतृत्व का घोर अभाव है। बीजेपी की प्रवक्ता निर्मला सीतारमण ने बुधवार को राजधानी दिल्ली में संवाददताओं से बातचीत के दौरान कहा, ‘‘कमरतोड़ महंगाई से जहां पूरा देश त्रस्त है, वहीं ऐसे महत्वपूर्ण विषय पर राहुल गांधी का बयान किसी के गले नहीं उतर रहा है।औरऔर भी

यह कहावत तो आप में से बहुतों से सुनी होगी कि सूप बोले तो सूप, चलनियो बोले जिसमें छप्पन हैं छेद। इसी अंदाज में जिसका अघोषित नारा बन गया हो कि हम भ्रष्टन के भ्रष्ट हमारे, उस कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी का कहना कि भ्रष्टाचार को कतई बरदाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने रविवार को राजधानी दिल्ली में पार्टी के 83वें महाधिवेशन का उद्घाटन करते हुए कांग्रेसजनों को सादगी व मितव्ययता का पाठ पठाया। उनका कहनाऔरऔर भी

सामाजिक सरोकार से दूर-दूर तक नाता न रखनेवाला रिलायंस समूह अगर ग्रामीण बुनियादी ढांचा विकसित करने से भाग खड़ा हो तो कोई बात नहीं, लेकिन टाटा जैसा समूह रुचि न दिखाए तो आश्चर्य होता है। लेकिन हुआ यही। पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के गांवों में शहरों जैसी सुविधाएं मुहैया कराने के सपने को हकीकत में बदलने की कवायद में ग्रामीण विकास मंत्रालय जुट गया है। 248 करोड़ रुपए का पायलट प्रोजेक्ट जनवरी 2011 में चालू होऔरऔर भी