महंगाई मजबूरी है या राहुल की मूर्खता!

गठबंधन की मजबूरियों को महंगाई पर नियंत्रण में बाधक बताये जाने संबंधी कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी के बयान को बीजेपी ने हास्यापद बताया है। बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस में नेतृत्व का घोर अभाव है।

बीजेपी की प्रवक्ता निर्मला सीतारमण ने बुधवार को राजधानी दिल्ली में संवाददताओं से बातचीत के दौरान कहा, ‘‘कमरतोड़ महंगाई से जहां पूरा देश त्रस्त है, वहीं ऐसे महत्वपूर्ण विषय पर राहुल गांधी का बयान किसी के गले नहीं उतर रहा है। यह बयान एक ऐसे व्यक्ति की ओर से दिया गया है जिसे कांग्रेस पार्टी युवा नेता के रूप में पेश कर रही है।’’ उन्होंने कहा कि पार्टी आम आदमी की दुहाई दे रही है और उसके नेता महंगाई पर ज्योतिषी की तरह से भविष्यवाणी करने में व्यस्त हैं।

बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि राहुल गांधी महंगाई को नियंत्रित करने में राजनीतिक मजबूरियों को बाधक बता रहे हैं जबकि अटल जी के समय 23 दलों की गठबंधन सरकार थी और महंगाई का नामोनिशान नहीं था। उन्होंने कहा कि गठबंधन की राजनीति के कारण वैचारिक बाध्यता उत्पन्न हो सकती है लेकिन महंगाई से इसका कोई सरोकार नहीं है। सीतारमण ने कहा, ‘‘यह (कांग्रेस) पार्टी मे नेतृत्व के अभाव का परिचायक है। इसका उदाहरण कल भी देखने को मिला जब महंगाई पर प्रधानमंत्री की ओर से बुलाई गई बैठक का कोई नतीजा नहीं निकला।’’ बीजेपी ने आरोप लगाया कि मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार को आम आदमी की कोई चिंता नहीं है।

गौरतलब है कि जब राहुल गांधी से यह पूछा गया कि इंदिरा जी के राज में तो कांग्रेस सरकार भ्रष्टाचार और महंगाई पर आसानी से नियंत्रण पा लेती थी, पर आज ऐसा क्यों नहीं कर पा रही तो उन्होंने कहा था कि ‘‘तब एक पार्टी की सरकार थी, जबकि आज गठबंधन की सरकार है और गठबंधन की अपनी कुछ मजबूरियां होती हैं।’’

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