पेट्रोल के बाद सरकार अब डीज़ल के मूल्यों से भी नियंत्रण खत्म करने जा रही है। वित्त राज्य मंत्री नमो नारायण मीणा ने मंगलवार को राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में बताया, “सरकार सैद्धांतिक रूप से डीज़ल की कीमतों से नियंत्रण को हटाने के लिए तैयार है। लेकिन इस तरह का कोई भी प्रस्ताव रसोई गैस के लिए विचाराधीन नहीं है।” मालूम हो कि सरकार ने जून 2010 से ही पेट्रोल को बाजार शक्तियों के हवाले करऔरऔर भी

केंद्र सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम नेशनल एल्यूमीनियम कंपनी (नालको) में अपनी दस फीसदी और इक्विटी बेचने पर गंभीरता से विचार कर रही है। वित्त राज्यमंत्री एस एस पलानी माणिक्कम ने मंगलवार को राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। बता दें कि नालको एशिया की सबसे बड़ी एल्यूमीनियम कंपनी है और वेदांता समेत कई निजी कॉरपोरेट समूहों ने इस पर निगाहें गड़ा रखी हैं। कंपनी की 1288.61 करोड़ रुपए की इक्विटी का 87.15 फीसदीऔरऔर भी

देश में गरीबी कम होने पर योजना आयोग के ताजा आंकड़ों के बाद संसद में नया बवाल मच गया है। लेकिन योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने इस पर सफाई दी है कि इन आंकड़ों को किसी भी सरकारी योजना के लाभार्थियों से जोड़कर देखना सही नहीं है। अहलूवालिया पहले ही इसी तरह का तर्क देते रहे हैं। बता दें कि सोमवार को योजना आयोग की ओर से जारी आंकड़ों में कहा गया है किऔरऔर भी

जो लोग ममता बनर्जी के तीखे तेवरों के बाद यूपीए सरकार के अस्थिर होने की बात कर रहे थे, उनके लिए बुरी खबर है कि माया और मुलायम दोनों मजबूती से सरकार के साथ डट गए हैं। मंगलवार को सरकार को उस समय राहत मिली, जब समाजवादी पार्टी और बीएसपी के समर्थन से एनसीटीसी सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी दलों के संशोधनों को खारिज कर दिया गया। तृणमूल कांग्रेस मतदान में अनुपस्थित रही। सपा व बीएसपी केऔरऔर भी

पिछले साल के बजट में वित्त मंत्री ने भले ही वरिष्ठ नागरिक माने जाने की उम्र घटाकर 65 से 60 साल कर दी हो, लेकिन देश में बुजुर्गों की सुरक्षा व देखभाल की स्थिति बिगड़ती जा रही है। केंद्र सरकार ने बारह साल पहले 1999 में ‘बूढ़े व्यक्तियों पर राष्ट्रीय नीति’ (एनपीओपी) बनाकर बुजुर्गों की समस्याओं को हल करने की पहल की थी। लेकिन इस नीति और इस पर अमल का अभी तक कोई अतापता नहीं है।औरऔर भी

देश की बिगड़ती आर्थिक हालत और राजनीतिक टांग-खिंचाई ने वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी को अंदर तक हिलाकर रख दिया है। इतना कि उनका कहना है कि सरकार सुधार लाने के लिए सभी पार्टियों में सर्वसम्मति बनाने की कोशिश करेगी। उन्होंने मंगलवार को राज्यसभा में एक बहस के दौरान कहा कि औद्योगिक उत्पादन में गिरावट आने के बाद सवाल पूछे जा रहे हैं कि क्या भारत की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर जाएगी। लेकिन हम में सामर्थ्य है औरऔरऔर भी

देश का औद्योगिक उत्पादन अक्टूबर महीने में बढ़ने की जगह 5.10 फीसदी घट गया है। सरकार की तरफ से सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) अक्टूबर 2011 में पिछले साल अक्टूबर की तुलना में 5.10 फीसदी घट गया है। पिछले साल अक्टूबर में आईआईपी साल भर पहले की तुलना में 11.3 फीसदी बढ़ गया था। औद्योगिक मोर्चे पर इससे ज्यादा विकट स्थिति साल 2009 के शुरुआती तीन महीनों में ही हुई थी, जबकिऔरऔर भी

रिटेल में एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) के मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में सोमवार को भी विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया। हंगामे के चलते लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। इससे पहले दोनों सदनों की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित की गई थी। इस बीच पता चला है कि संसद में जारी गतिरोध को दूर करने के लिए सरकार सर्वदलीय बैठक बुला सकती है। इस सिलसिलेऔरऔर भी

संसद का शीत सत्र (15वीं लोकसभा का 9वां सत्र और राज्यसभा 224वां सत्र) मंगलवार 22 नवंबर 2011 को शुरू होना है और सरकारी कामकाज की अनिवार्यता के अनुसार, यह सत्र बुधवार 21 दिसंबर 2011 को पूरा हो जाएगा। इन तीस दिनों में इस सत्र में 21 बैठकें होंगी। संसदीय कार्यमंत्री पवन कुमार बंसल ने बुधवार को संवाददाताओं को यह जानकारी देते हुए बताया कि सरकार की प्राथमिकता लंबित विधेयकों को पारित कराने की होगी। हालांकि यह सत्रऔरऔर भी

संसद के दोनों सदनों राज्यसभा व लोकसभा का सत्र गुरुवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने से पहले राष्ट्रगान की धुन बजाई गई। राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी ने अपने पारंपरिक संबोधन में कहा कि विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष के हंगामे के कारण सदन के कामकाज के 53 घंटों का नुकसान हुआ। सभापति ने इस पर खेद जताते हुए कहा कि यह सदस्यों के अधिकार व दायित्वों केऔरऔर भी