एक तरफ भारतीय दवा कंपनियां कह रही हैं कि उन्हें विदेशी अधिग्रहण से बचाया जाए। अंतर-मंत्रालयी समूह (आईएमजी) तक ने सिफारिश की है कि दवा उद्यमों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा 100 फीसदी से घटाकर 49 फीसदी कर दी जाए। दूसरी तरफ योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह आहलूवालिया ने कहा है कि ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है और दवा उद्योग में 100 फीसदी एफडीआई को कहीं से कोई आंच नहीं आने दी जाएगी। आहलूवालियाऔरऔर भी

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर डॉ. दुव्वरि सुब्बाराव का तीन साल का कार्यकाल सितंबर में खत्म हो रहा है। इसलिए सरकारी हलकों में उनकी जगह नए गवर्नर को लाने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। सूत्रों के मुताबिक इस दौड़ में तीन लोगों का नाम सबसे आगे हैं। ये हैं – शिकागो विश्वविद्यालय के प्रोफेसर व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सलाहकार रघुराम राजन, आर्थिक मामलों के सचिव आर गोपालन और कार्नेल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर व वित्त मंत्रालयऔरऔर भी

सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार 18 जून को समाप्त सप्ताह में थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित खाद्य मुद्रास्फीति की दर 7.78 फीसदी रही है, जबकि इससे ठीक पिछले हफ्ते इसकी दर 9.13 फीसदी थी। एक साल पहले जून महीने के समान सप्ताह में यह 20.12 फीसदी थी। लेकिन इसी दौरान ईंधन व बिजली की मुद्रास्फीति बढ़कर आठ हफ्तों के शिखर 12.98 फीसदी पर जा पहुंची। ठीक पिछले हफ्ते यह 12.84 फीसदी और साल भर पहले 12.54औरऔर भी

अपने को ‘कमज़ोर’ प्रधानमंत्री बताए जाने के आरोपों को खारिज करते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि उन्हें कांग्रेस पार्टी ने यह जिम्मेदारी सौंपी है और उसकी ओर से उन्हें ऐसी कोई ‘प्रतिकूल’ टिप्पणी सुनने को नहीं मिली है। अरसे बाद बुधवार को मीडिया से सीधे बातचीत करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपनी सरकार को ‘निष्क्रिय’ और ‘कमजोर’ बताए जाने को विपक्ष का ‘कुशल दुष्प्रचार’ बताया और कहा कि मीडिया का एक वर्ग भी इसके प्रभावऔरऔर भी

भ्रष्टाचार के खिलाफ अण्णा हज़ारे और बाबा रामदेव के आंदोलन से बचाव की मुद्रा में आई यूपीए सरकार अब देश के गरीबों को पटाने में लग गई है। गुरुवार को कैबिनेट ने गरीब बुजुर्गों और बीड़ी मजदूरों पर करीब 3081 करोड़ रुपए अतिरिक्त खर्च करने का फैसला किया है। इसमें गरीब बुजुर्गों पर 2770 करोड़ और बीड़ी मजदूरों पर 311 करोड़ रुपए खर्च होंगे। हालांकि इन दोनों लोकलुभावन कदमों का प्रस्ताव वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने इसऔरऔर भी

वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के नए प्रमुख पद के लिए भारत के वोट का फैसला प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह करेंगे। मेक्सिको के केंद्रीय बैंक के गवर्नर अगस्टिन कार्सटंस ने भी इस पद के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की है। शुक्रवार को वे इस मामले में भारत का समर्थन जुटाने के लिए दिल्ली पहुंच रहे हैं। कार्सटंस पर भारत के रुख के बारे में पूछे जाने पर गुरुवार को मुखर्जी नेऔरऔर भी

जो बाबा रामदेव शनिवार शाम तक केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के खुलासे के बाद भीगी बिल्ली बने नजर आ रहे थे, वे आधी रात की पुलिस कार्रवाई के बाद अब दहाड़ते शेर बन गए हैं। कांग्रेस और उसके पल्लू में प्रासंगिकता खोजते लालू यादव के अलावा सभी राजनीतिक दल बाबा व उनके समर्थकों पर हुई कार्रवाई को लोकतंत्र पर सांघातिक हमला बता चुके है। अब सुप्रीम कोर्ट ने भी केंद्र सरकार को घेरे में ले लिया है।औरऔर भी

एक तरफ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी भारत में वर्ष 2032 तक 63,000 मेगावॉट बिजली परमाणु संयंत्रों से बनाने का नारा लगा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ जर्मनी ने ऐलान किया है कि वह वर्ष 2022 तक अपने सारे परमाणु बिजली संयंत्र बंद कर देगा। जर्मनी यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। जापान में भूकंप व सुनामी के बाद हुए परमाणु हादसे के बाद किसी औद्योगिक शक्ति द्वारा पहली बार ऐसा कठोर फैसला लियाऔरऔर भी

हमने पूरे पांच दिन पहले चेताया था कि स्पीक एशिया के बैंक खाते फ्रीज होने लगे हैं। तभी से तमाम तथाकथित ‘स्पीकएशियंस’ टिप्पणियों में कोहराम मचाए हुए थे कि सब झूठ है, बकवास है। लेकिन अब खुद स्पीक एशिया ने आधिकारिक रूप से स्वीकार कर लिया है कि सिंगापुर तक में उसके खाते बंद कर दिए गए हैं। उसने यह भी माना है कि कुछ बैंकों ने भारत में उसके एजेंटों के खातों को ‘तात्कालिक रूप’ सेऔरऔर भी

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के प्रबंध निदेशक पद के लिए फ्रांस की वित्त मंत्री क्रिस्टिनी लैगार्ड द्वारा दावेदारी पेश किए जाने के बाद भी भारत ने कहा है कि विकासशील देश इस मुद्दे पर अपनी स्थिति मजबूत बनाने का प्रयास कर रहे हैं। जहां यूरोप के ज्यादातर देश लैगार्ड की उम्मीदवारी का समर्थन कर रहे हैं, वहीं विकासशील देश अपने बीच बड़े बाजार के रूप में उभर रहे किसी देश से एक नाम पेश करने के लिएऔरऔर भी