आईएमएफ के प्रमुख पर भारत का रुख साफ नहीं

वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के नए प्रमुख पद के लिए भारत के वोट का फैसला प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह करेंगे। मेक्सिको के केंद्रीय बैंक के गवर्नर अगस्टिन कार्सटंस ने भी इस पद के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की है। शुक्रवार को वे इस मामले में भारत का समर्थन जुटाने के लिए दिल्ली पहुंच रहे हैं।

कार्सटंस पर भारत के रुख के बारे में पूछे जाने पर गुरुवार को मुखर्जी ने मीडिया के बातचीत में कहा, ‘‘भारत के समर्थन का फैसला प्रधानमंत्री स्तर पर होगा। इस बीच, हम यह देखना चाहेंगे कि उम्मीदवार कौन-कौन हैं।’’ इससे पहले इसी हफ्ते आईएमएफ प्रमुख पद की एक अन्य उम्मीदवार फ्रांस की वित्त मंत्री क्रिस्टीन लेगार्ड भी भारत आई थीं। हालांकि, भारत की ओर से उन्हें समर्थन का भरोसा नहीं दिलाया गया है।

कार्सटंस यूरोप से बाहर के उम्मीदवार हैं। वे आईएमएफ प्रमुख पद के लिए समर्थन जुटाने के अभियान के तहत भारत आ रहे हैं। मुखर्जी ने कहा, ‘‘मैं कार्सटंस के साथ भी उस तरह बात करूंगा, जैसे लेगार्ड से की थी। मैं उन्हें व्यक्तिगत रूप से जानता हूं। वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक जानी-मानी शख्सियत हैं।’’ मंगलवार को लेगार्ड के साथ मुलाकात के बाद मुखर्जी ने संकेत दिया था कि उनकी उम्मीदवारी के लिए समर्थन का कोई आश्वासन नहीं दिया गया है।

उन्होंने कहा था, ‘‘हम सहमति बनाने का प्रयास कर रहे हैं।’’ बता दें कि ब्रिक्स देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) से किसी उम्मीदवार को लेकर अभी तक सहमति नहीं बन पाई है। आईएमएफ में भारत के पास 2.34 फीसदी का कोटा है। बलात्कार के प्रयास के आरोप में डोमिनिक स्ट्रॉस काह्न के इस्तीफा देने के बाद से यह पद खाली पड़ा है।

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