काले धन के मुद्दे पर विपक्ष ने बुधवार को सरकार की जमकर घेराबंदी की। इतना कि उसे लाल कर डाला। हर किसी दल ने इस कदर हमला किया कि सरकार को कोई जवाब देते नहीं बना। विपक्ष ने विदेश में जमा काले धन को स्वदेश लाने, वहां खाता रखने वाले भारतीयों को किसी भी तरह का संरक्षण नहीं देने और उनके नामों का खुलासा करने की मांग की। लोकसभा में बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी की ओर सेऔरऔर भी

देश में दो साल के अंदर हर ग्राम पंचायत में ब्रॉडबैंड कनेक्शन लग जाएगा। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बुधवार को राजधानी दि‍ल्‍ली में इंडि‍या टेलिकॉम 2011 सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए यह बात दावा किया। उन्होंने कहा कि इसके लि‍ए सरकार ने हाल ही में नेशनल ऑप्‍टि‍कल फाइबर नेटवर्क तैयार करने की एक स्‍कीम का अनुमोदन कि‍या है। इसके शुरूआती चरण पर लगभग 20 हजार करोड़ रुपये लागत आने का अनुमान है। लगभग इतनी ही रकम निजीऔरऔर भी

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उम्मीद जताई है कि बुधवार को जब चार दिन के अंतराल के बाद संसद की बैठक होगी तो कार्यवाही सामान्य तरीके से चलेगी। सोमवार को राजधानी दिल्ली में नौसेना दिवस पर आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री से यह उम्मीद जताई। यह भी माना रहा है कि वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी उसी दिन सर्वदलीय बैठक के बाद संसद में औपचारिक घोषणा कर देंगे कि मल्टी ब्रांड रिटेल में 51 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) काऔरऔर भी

यूपीए सरकार मल्टी-ब्रांड रिटेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को लेकर उसी तरह व्यग्र हो गई है जैसे तीन साल पहले वह जुलाई 2008 में भारत-अमेरिका परमाणु संधि को लेकर हुई थी। जहां एक तरफ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने साफ कर दिया है कि सरकार इस फैसले से पीछे नहीं हटेगी, वहीं उनके करीबी और वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार कौशिक बसु ने तो यहां तक कह दिया कि अगर विदेशी सुपरमार्केट्स को भारत में आनेऔरऔर भी

यूरोज़ोन एक ऐतिहासिक परियोजना है। भारत चाहता है कि यूरोज़ोन फले-फूले क्‍योंकि यूरोप की खुशहाली में ही हमारी खुशहाली है। यह कहना है कि हमारे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का। फ्रांस में पर्यटन के लिए मशहूर रिविएरा इलाके के सबसे अच्छे शहर कान में हो रहे रहे जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए रवाना होने से पहले बुधवार को प्रधानमंत्री ने यह बात कही। दो दिन का यह सम्मेलन गुरुवार-शुक्रवार (3-4 नवंबर) को होना है। जर्मन चांसलर एंजेला मैर्केल,औरऔर भी

सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती मुद्रास्‍फीति को काबू में रखकर ऊंची विकास दर को बराबर बनाए रखना है। यह मानना है कि हमारे अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का। उन्होंने रविवार को राजधानी दिल्ली में राज्यपालों के सम्मेलन में कहा कि हाल के महीनों में खाद्य वस्‍तुओं की कीमतों का बढ़ना चिंता का मसला है। उन्‍होंने कहा कि‍ सरकार और रि‍जर्व बैंक मुद्रास्‍फीति‍ को कम करने के लि‍ए वि‍त्‍तीय और मौद्रि‍क उपाय जारी रखेंगे। रिजर्व बैंक मार्चऔरऔर भी

अभी तक केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) जैसी संस्थाएं ही खुद को लोकपाल के अधीन लाए जाने का विरोध कर रही थी। लेकिन अब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी साफ कर दिया है कि लोकपाल का गठन हो जाने के बाद भी सीबीआई स्वतंत्र रूप से काम करती रहेगी। प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को राजधानी दिल्ली में सीबीआई और राज्यों के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के 18वें द्विवार्षिक सम्मेलन में कहा, “हमें आशा है किऔरऔर भी

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने स्पष्ट किया है कि सूचना अधिकार कानून में कोई ढील नहीं दी जाएगी। सरकार पारदर्शिता के लिए सूचना के अधिकार को और अधिक कारगर हथियार बनाना चाहती है लेकिन वह कुछ चिंताओं पर ध्यान देने के लिहाज से उसकी गहन समीक्षा भी करना चाहती है। गौरतलब है कि सरकारी महकमे के कुछ लोग और केंद्रीय मंत्री तक इस पारदर्शिता कानून में संशोधन की मांग करते आ रहे हैं। उनका मानना है कि यहऔरऔर भी

अर्थव्यवस्था के बढ़ने की दर के अनुमानों पर लगता है, जैसे कोई जंग छिड़ी हुई है। उधर अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पुअर्स की भारतीय सब्सिडियरी क्रिसिल ने इस साल देश के आर्थिक विकास दर का अनुमान 8 फीसदी से घटाकर 7.6 फीसदी कर दिया, इधर सीधे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को आश्वस्त करना पड़ा कि दुनिया में आर्थिक सुस्ती के बावजूद हम इस साल करीब आठ फीसदी आर्थिक विकास दर हासिल कर लेंगे। बता दें कि अगस्तऔरऔर भी

करीब दो हफ्ते से देश में छिड़ा 32-26 का विवाद आखिरकार अपना रंग ले आया। तय हुआ है कि अभी गरीबी रेखा का जो भी पैमाना है और योजना आयोग राज्यवार गरीबी का जो भी अनुमान लगाए बैठा है, आगे से उसका कोई इस्तेमाल ग्रामीण इलाकों में गरीबों की आर्थिक मदद के लिए बनी केंद्र सरकार की योजनाओं या कार्यक्रमों में नहीं किया जाएगा। योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोटेंक सिंह अहूवालिया और केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयरामऔरऔर भी