शेयर बाज़ार में ज्यादातर वही लोग आते हैं, जिनके पास झमाझम धन होता है। गरीब-गुरबां बहुत हुआ तो लॉटरी या जुए तक सिमटकर रह जाते हैं। लेकिन इन अतियों के बीच देश भर में शायद लाखों लोग ऐसे होंगे जो शेयर बाज़ार में इफरात धन बनाने के मकसद से उतरते हैं। शेयर बाजार में हर दिन करीब 3.15 लाख करोड़ रुपए का टर्नओवर होता है। उन्हें लगता है कि इसमें से हर महीने तीस-चालीस हज़ार रुपए तोऔरऔर भी

हम हिंदुस्तानी फालतू माथा फोड़ते हैं कि ग्रह-नक्षत्रों की चाल हमारे जीवन को कैसे चलाती है। लेकिन इस पर कम दिमाग लगाते हैं कि खुद हम इंसानों का सामूहिक बर्ताव क्या और कैसे गुल खिलाता है। शेयर बाजार में खरीदने व बेचनेवालों के सामूहिक मन को कैप्चर करता है परिष्कृत सॉफ्टवेयरों की मदद से टेक्निकल एनालिसिस। पर वो बस दशा बताता है, दिशा नहीं देता। दिशा जानने के सूत्र भिन्न हैं। बताएंगे बाद में। अभी हाल बाज़ारऔरऔर भी

बाजार ने एक बार फिर साबित कर दिया कि यहां कुंडली मारकर बैठे उस्तादों के आगे निवेशकों व ट्रेडरों की कोई बिसात नहीं है। निफ्टी में फ्यूचर्स का वोल्यूम 3.39 करोड़ का रहा है, जबकि सामान्य वोल्यूम 1.8 करोड़ से ज्यादा का हो ही नहीं सकता। फ्यूचर्स में सामान्य का दोगुना कारोबार! पहले बाजार ने खुद को 4800 के ऊपर टिकाया। 4820 पर सभी मंदडियों के स्टॉप लॉस चालू हो गए। वे मजबूरन लांग होने लगे। जोऔरऔर भी

बाजार में शुरुआती भाव बढ़त की उम्मीद का रहा क्योंकि पिछले दो सत्रों में भारी गिरावट हो चुकी थी। सूचकांक बढ़कर खुले। लेकिन फिर शॉर्ट सौदों की मार शुरू हो गई। बहुत सारे धुर जुआरियों में ट्रेडिंग के दम पर रातोंरात लाखों कमाने की चाहत अब भी जोर मार रही है। इनमें से कुछ लोग बाजार में सुधार आने की उम्मीद में ट्रेड कर रहे हैं तो बहुत से लोग गिरावट पर ही खेलना चाहते हैं। और,औरऔर भी

देश की अर्थव्यवस्था या शेयर बाजार की हालत में कोई खास मौलिक बदलाव नहीं आया है। फिर भी बाजार की दशा-दिशा दर्शानेवाला सेंसेक्स 15,900 के निचले स्तर से उठकर 17,805 पर जा पहुंचा। अभी की स्थितियों में यह वाकई कमाल की बात है। यूरोप की हालत पर खूब मगजमारी हो रही है। वहां के ऋण-संकट को वैश्विक बाजार की कमजोरी का खास कारण बताया जा रहा है। इसलिए यूरोप की संकट-मुक्ति की हल्की-सी आभा ने पूरे माहौलऔरऔर भी

टेक्निकल एनालिसिस व चार्ट वाले इस समय खुश तो बहुत होंगे क्योंकि वे लंबे अरसे से निफ्टी के 4800 से नीचे जाने की भविष्यवाणी किए पड़े थे और ऐसा हो चुका है। अब इसके 4500 ही नहीं, 4200 तक गिरने की बात कही जा रही है। इधर आप में कुछ लोगों ने हिंदी में टेक्निकल एनालिसिस सिखाना शुरू करने की सलाह दी है। लेकिन टेक्निकल एनालिसिस क्या कोई विज्ञान है, विज्ञान व आस्था का मिलेजुले रूप ज्योतिषऔरऔर भी

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक के कमजोर आंकड़ों और अर्थव्यवस्था की धीमी पड़ती विकास दर को आधार बनाकर पंटरों ने जबरदस्त बिकवाली कर डाली। नतीजतन, निफ्टी एक बार फिर 5480 का समर्थन स्तर तोड़कर नीचे चला गया। हालांकि 5457 तक जाने के बाद फिर वह उठने लगा और बाजार बंद होने तक 5480 के ऊपर आ गया। वैसे, अगले हफ्ते 16 जून को मध्य-तिमाही समीक्षा में रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों को बढ़ाने का अंदेशा भी पंटरों को मथऔरऔर भी

बाजार बहुत मजबूत धरातल पर खड़ा है क्योंकि मुद्रास्फीति में कमी के आसार बढ़ गए हैं। साथ ही यह भी स्थिति बन रही है कि रिजर्व बैंक अब ब्याज दरों को बढ़ाने का सिलसिला रोक देगा। पहली तिमाही के खराब नतीजों के असर को बाजार मौजूदा भावों में सोख चुका है। इसलिए निफ्टी के 4700 तक गिर जाने की अतिवादी आशंका पूरी होने की उम्मीद नहीं है। ऐसा उसी हालत में हो सकता है, जब अण्णा, बाबा,औरऔर भी

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज बुधवार को इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के संपादकों के साथ हुई प्रेसवार्ता में हाल में उठी हर चिंता और मुद्दों पर बेबाक राय दी है। उनकी बातों से संकेत मिलता है कि आनेवाला बजट कठोर होगा, पर लोक-लुभावन उपायों के साथ। बजट कठोर होगा प्रशासन की कमियों, कालेधन और मुद्रास्फीति जैसी समस्याओं पर, जबकि वह नरम होगा टैक्स के मोर्चे पर ताकि आम आदमी के पास मुद्रास्फीति से लड़ने के लिए ज्यादा आमदनी बचऔरऔर भी