30 जून 2011 तक देश के 6,01,625 गांवों में से 1,69,201 यानी 28 फीसदी से ज्यादा गांवों तक ब्रॉडबैंड पहुंच चुका है। भारत निर्माण कार्यक्रम के अंतर्गत केंद्र सरकार का लक्ष्य देश की सभी ढाई लाख ग्राम पंचायतों को साल 2012 तक ब्रॉडबैंड से जोड़ देने का है। अभी तक इनमें से 1,33,712 पंचायतों तक ब्रॉडबैंड सुविधा पहुंचाई जा चुकी है। साथ ही ग्रामीण वायरलेस ब्रॉडबैंड स्कीम के तहत 2,88,454 ब्रॉडबैंड कनेक्शन दिए गए हैं। सरकारी कंपनीऔरऔर भी

बिहार में अब पहले से थोड़े ज्यादा लोग अब शहरों में रहने लगे हैं। 2001 तक राज्य की आबादी का 10.50 फीसदी हिस्सा शहरों में रहता था, जबकि 2011 में यह आंकड़ा बढ़कर 11.30 फीसदी हो गया है। लेकिन दस साल में मात्र 80 आघार अंकों या 0.80 फीसदी की वृद्धि से लगता है कि वहां शहरीकरण का सिलसिला एकदम कच्छप गति से चल रहा है। बिहार के जनगणना निदेशालय में संयुक्त सचिव ए के सक्सेना नेऔरऔर भी

पंचायतों के सभी स्तरों पर महिलाओं का आरक्षण एक तिमाही से बढ़ाकर कम से कम 50 फीसदी कर दिया गया है। गुरुवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इसके लिए भारतीय संविधान में एक आधिकारिक संशोधन (110वां संशोधन) विधेयक, 2009 को पेश करने के प्रस्‍ताव को मंजूरी दे दी है। संविधान (110वां संशोधन) विधेयक, 2009 को 26 नवंबर, 2009 को लोकसभा में पेश किया गया था। इस आधिकारिक संशोधन में ‘जनसंख्‍या’ शब्‍द से पहले ‘ग्रामीण’ शब्‍द जोड़ने का प्रस्‍तावऔरऔर भी

जो हमें रोज-ब-रोज की जिंदगी में दिखता है, उसकी पुष्टि सरकारी आंकड़ों ने कर दी है। देश में कामकाज करने योग्य आधी से अधिक 51 फीसदी आबादी स्वरोजगार में लगी है। केवल 15.6 फीसदी लोग ही नियमित नौकरी करते हैं। श्रमयोग्य आबादी का 33.5 फीसदी अस्थायी मजदूरी करता है। यह हकीकत सामने आई है राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) के 66वें सर्वे में। यह सर्वे जुलाई 2009 से जून 2010 के दौरान किया गया था। सर्वे केऔरऔर भी

दक्षिण कोरिया की कंपनी पोस्को को भारत की जमीन पर पैर रखने में बराबर मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। काफी रगड-धगड़ के बाद उड़ीसा में उसकी प्रस्तावित इस्पात परियोजना को केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की हरी झंडी मिली तो राज्य सरकार ने भूमि अधिग्रहण का काम शुरू कर दिया। लेकिन शुक्रवार को भूमि अधिग्रहण के इस काम में खलल पड़ गया। ग्रामीणों ने 52,000 करोड़ रुपए की इस परियोजना के लिए अपनी जमीन के अधिग्रहण केऔरऔर भी

देश में बचत खातों के अलावा बैंकों को हर तरह की डिपॉजिट पर ब्याज दर तय करने की छूट को मिले हुए तेरह साल से ज्यादा हो चुके हैं। अब बचत खाते में जमा रकम की ब्याज दर को भी बाजार शक्तियों के हवाले कर देने की तैयारी है। रिजर्व बैंक ने इस विषय में एक बहस-पत्र जारी किया है जिसमें इसके तमाम फायदे-नुकसान गिनाए गए हैं। लेकिन तर्कों का पलड़ा बचत खातों की ब्याज दर कोऔरऔर भी

विदेश कमाने गए भारतीयों द्वारा भेजा जाने वाला आधे से ज्यादा धन देश के ग्रामीण इलाकों को जाता है जो वहां आर्थिक बदलाव और वित्तीय समावेश में योगदान करता है। मनी ट्रांसफर की सेवाएं देनेवाली फर्म वेस्टर्न यूनियन के प्रबंध निदेशक अनिल कपूर के मुताबिक बीते एक दशक में वेस्टर्न यूनियन व इंडिया पोस्ट के जरिए 6.5 अरब डॉलर का धन भारत आया। उनका कहना है कि कंपनी के 55 फीसदी केंद्र अर्ध-शहरी या ग्रामीण इलाकों मेंऔरऔर भी

वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार देश में आदिवासियों की आबादी आठ करोड़ से अधिक है जिनमें से 7.73 करोड़ ग्रामीण इलाकों में और केवल 70 लाख शहरी इलाकों में रहते हैं। 12 राज्यों में आदिवासियों के 2474 गांव हैं और इनमें असम के वनों में बसे गांवों की संख्या सबसे ज्यादा है। असम में आदिवासियों के 499 गांव हैं जबकि उत्तर प्रदेश में सबसे कम 12 गांव हैं। केंद्र सरकार ने अभी तक राष्ट्रीय आदिवासी नीतिऔरऔर भी

हमारे राजनेताओं को मजबूरन अपनी जुबान खोलते वक्त जन-भावनाओं का ख्याल रखना पड़ता है। लेकिन अच्छे से अच्छे नौकरशाह भी अक्सर जन-भावनाओं के प्रति इतने असंवेदनशील हो जाते हैं कि ऐसी बातें बोल जाते हैं कि अपनी परंपरा का यह नीति-वाक्य तक याद नहीं रहता – सत्यम् ब्रूयात प्रियं ब्रूयात, न ब्रूयात सत्यम् अप्रियं। आपको याद होगा कि कुछ साल पहले अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने कहा था कि दुनिया में जिंसों के दामऔरऔर भी

आईडीबीआई म्यूचुअल फंड अपने निवेशकों का आधार बढ़ाने के लिए ग्रामीण व कस्बाई इलाकों पर केंद्रित करेगा। इन इलाकों से वह 5 फीसदी नए निवेशक जोड़ना चाहता है। आईडीबीआई म्यूचुअल फंड को चलानेवाली एसेट मैनेजमेंट कंपनी के प्रबंध निदेशक व सीईओ कृष्णमूर्ति विजयन ने एक समाचार एजेंसी को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हम समूचे देश में अपने निवेशक बनाना चाहते हैं। हम समझते हैं कि हमारी कामयाबी इस बात पर निर्भर करेगी कि हम टियर-2औरऔर भी