रिजर्व बैंक ने अभी तक मार्च 2012 के अंत तक सकल मुद्रास्फीति का अनुमान 7 फीसदी पर यथावत रखा है। लेकिन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी का कहना है कि तब तक मुद्रास्फीति की दर 6 से 7 फीसदी के बीच रह सकती है। वित्त मंत्री का यह बयान गुरुवार को खाद्य मुद्रास्फीति के ताजा आंकड़ों के जारी होने के बाद आया है जिसके मुताबिक 31 दिसंबर 2011 को समाप्त सप्ताह में भी खाद्य मुद्रास्फीति बढ़ने के बजायऔरऔर भी

जब देश में खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर हो तो खाद्य मुद्रास्फीति में कमी आना स्वाभाविक है। इसी को दर्शाते हुए खाद्य वस्तुओं के थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति 9 जुलाई को समाप्त सप्ताह में घटकर 7.58 फीसदी पर आ गई है। इससे पिछले सप्ताह यह 8.31 फीसदी और साल भर पहले इसी दरम्यान 19.52 फीसदी के ऊंचे स्तर पर थी। वाणिज्य मंत्रालय द्वारा गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, दालों के दाम आलोच्य सप्ताह केऔरऔर भी

देश की अर्थव्यवस्था में 14.36 फीसदी, लेकिन रोजगार में 60 फीसदी से ज्यादा योगदान देनेवाली कृषि की किस्मत मानसून पर निर्भर है। साल भर की कुल बरसात का 80 फीसदी हिस्सा जून से सितंबर तक मानसून के चार महीनों में बरसता है। मानसून खराब तो कृषि खराब। कृषि खराब तो मांग का टोंटा और खाद्य पदार्थों की कीमत में आग। फिर उसे थामने के लिए ब्याज दरें बढ़ाने का चक्र। मानसून से अनाज व नकदी फसलों केऔरऔर भी

कंपनियां भी हमारे-आप जैसे इंसान ही चलाते हैं तो जिस तरह अनागत का भय हमें कभी ज्योतिष तो कभी न्यूमेरोलॉजी के चक्कर में खींच ले जाता है, वैसा बहुत सारी कंपनियों के साथ भी होता है। जैसे, नाम सीधा-सा है एस डी एल्यूमीनियम। इसे पढ़ेंगे और हिंदी में लिखेंगे भी ऐसे, लेकिन अंग्रेजी में इसे कर दिया – Ess Dee Aluminium। खैर, हमें नाम से क्या, हमें तो काम से काम है। एस डी एल्यूमीनियम का शेयरऔरऔर भी