रिजर्व बैंक ने अभी तक मार्च 2012 के अंत तक सकल मुद्रास्फीति का अनुमान 7 फीसदी पर यथावत रखा है। लेकिन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी का कहना है कि तब तक मुद्रास्फीति की दर 6 से 7 फीसदी के बीच रह सकती है। वित्त मंत्री का यह बयान गुरुवार को खाद्य मुद्रास्फीति के ताजा आंकड़ों के जारी होने के बाद आया है जिसके मुताबिक 31 दिसंबर 2011 को समाप्त सप्ताह में भी खाद्य मुद्रास्फीति बढ़ने के बजाय घट गई है। इसकी दर ऋणात्मक में 2.90 फीसदी है। इसके पिछले हफ्ते में भी खाद्य मुद्रास्फीति शून्य से नीचे 3.36 फीसदी थी।
वित्त मंत्री श्री प्रणब मुखर्जी ने कहा कि उन्हें इस बात का पूरा विश्वास है कि आनेवाले महीनों में महंगाई दर में निरंतर कमी होती रहेगी। उन्होंने कहा कि मैन्यूफैक्चर्ड वस्तुओं की कीमतें भी घटेंगी और गैर-खाद्य प्राथमिक वस्तुओं की कीमतों में भी तेजी से कमी होगी।
गुरुवार को जारी आंकड़े के मुताबिक 31 दिसंबर को खत्म हफ्ते में प्याज सालाना स्तर पर 74.77 फीसदी सस्ता हुआ, जबकि आलू की कीमत 31.97 फीसदी घटी। गेहूं की कीमत भी 3.35 फीसदी गिरी। कुल मिलाकर सब्जियों की कीमत 31 दिसंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान 49.03 फीसदी घटी। हालांकि इस दौरान अंडा, मांस जैसे अन्य खाद्य उत्पाद अपेक्षाकृत महंगे हुए।
समीक्षाधीन अवधि में दाल 14.72 फीसदी महंगी हुई, जबकि दूध 10.79 फीसदी महंगा हुआ। अंडा, मांस और मछली की कीमत सालाना स्तर पर 15.22 फीसदी बढ़ी। फल सालाना स्तर पर नौ फीसदी महंगे हुए, जबकि अनाज की कीमत 2.03 फीसदी बढ़ी। इधर, प्राथमिक वस्तुओं की मुद्रास्फीति 0.51 फीसदी बढ़ी, जबकि पिछले सप्ताह यह 0.10 फीसदी बढ़ी थी। प्राथमिक वस्तुओं का योगदान थोक मूल्य सूचकांक में 20.12 फीसदी है।