ज्ञान का दंश
2011-06-23
जान भर लेना अपने-आप में पर्याप्त नहीं। लेकिन जानना वह कड़ी है जिससे कर्म की पूरी श्रृंखला खुलती चली जाती है। सच का ज्ञान हमें इतना बेचैन कर देता है कि हम चाहकर भी शांत नहीं बैठ सकते।और भीऔर भी
जान भर लेना अपने-आप में पर्याप्त नहीं। लेकिन जानना वह कड़ी है जिससे कर्म की पूरी श्रृंखला खुलती चली जाती है। सच का ज्ञान हमें इतना बेचैन कर देता है कि हम चाहकर भी शांत नहीं बैठ सकते।और भीऔर भी
© 2010-2025 Arthkaam ... {Disclaimer} ... क्योंकि जानकारी ही पैसा है! ... Spreading Financial Freedom