मोबाइल फोन पर एसएमएस करते रहने की आदत युवाओं को बीमार बना रही है। उद्योग संगठन एसोचैम ने एक अध्ययन में यह निष्कर्ष निकाला है। इसमें कहा गया है कि दूरसंचार कंपनियों की विभिन्न पैकेज या योजनाओं में सस्ती दरों पर एसएमएस करने की सुविधा देने से भले ही यह युवाओं का पसंदीदा संवाद माध्यम बन गया हो, लेकिन इससे उनमें अनेक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी पैदा हो रही हैं।
अध्ययन में पाया गया है कि टेक्स्ट मैसेजिंग देश के ज्यादातर युवाओं का संवाद का पसंदीदा तरीका है। इसके अनुसार भारत के 60 फीसदी मोबाइल उपयोक्ता युवा अपने समूह में संवाद के लिए दिन भर में औसतन 125 एसएमएस भेजते हैं या पाते हैं।
लेकिन इस कारण उनमें अनिद्रा रोग, अवसाद, भूख में कमी, एकाकीपन जैसी स्वास्थ्य समस्याएं देखने को मिली हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तरह की गतिविधियों में लंबे समय तक लगे रहने पर ब्रेन-ट्यूमर समेत कई गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं।
सावधान हो जाने की आवश्यकता है …