डॉ. रेड्डीज लैब का फॉर्मूलेशन व्यवसाय फाइजर 2.5 अरब डॉलर में खरीदेगी

पिरामल हेल्थकेयर के जेनरिक दवा व्यवसाय को अमेरिकी कंपनी एब्बॉट द्वारा खरीदे जाने के लगभग एक महीने बाद ही भारतीय दवा उद्योग में एक और बड़ा सौदा होने जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज अपना फॉर्मूलेशन बिजनेस बहुराष्ट्रीय दवा कंपनी फाइजर को 250 करोड़ डॉलर (लगभग 11,560 करोड़ रुपए) में बेचने जा रही है। इसके तहत कंपनी के चेयरमैन व प्रवर्तक के. अंजी रेड्डी की पूरी की पूरी 25.77 फीसदी इक्विटी हिस्सेदारी फाइजर को बेच दी जाएगी। फाइजर इस डील के पूरा होने के बाद 20 फीसदी इक्विटी बाजार से खरीदने का ओपन ऑफर पेश करेगी। सूत्रों के मुताबिक सारा मामला फाइजर की तरफ से सिटी बैंक संभाल रहा है। फॉर्मूलेशन बिजनेस से डॉ. रेड्डीज लैब को करीब 1000 करोड़ रुपए का कारोबार मिलता है।

हालांकि सूत्रों ने यह नहीं बताया कि अंजी रेड्डी को अपनी इक्विटी की कितनी कीमत मिलेगी और ओपन ऑफर कितने पर आ सकता है। इस समय डॉ. रेड्डीज की कुल इक्विटी 84.42 करोड़ रुपए है जो 5 रुपए अंकित मूल्य के 16.88 करोड़ शेयरों में विभाजित है। आज बीएसई में बंद हुए 1458.05 रुपए के भाव से कंपनी का बाजार पूंजीकरण 24,612 करोड़ रुपए (532 करोड़ डॉलर) है। अगर फाइजर की तरफ से के. अंजी रेड्डी की इक्विटी खरीदने के लिए प्रस्तावित मूल्य 250 करोड़ डॉलर रखा गया है तो कंपनी का कुल मूल्यांकन 1010 करोड़ डॉलर निकलता है। यानी, मौजूदा बाजार से लगभग दोगुने मूल्य पर यह सौदा हो सकता है।

वैसे, बाजार के सूत्र का कहना है कि पूरी डील के मूल्य में थोड़ा पेंच हो सकता है क्योंकि बहुत मुमकिन है कि इसमें फॉर्मूलेशन बिजनेस की होड़ में न उतरने के लिए डॉ. रेड्डीज लैब को अलग से नॉन-कम्पीट फीस दी जा रही हो। बता दें कि वित्त वर्ष 2009-10 में डॉ. रेड्डीज लैब ने 4553.20 करोड़ रुपए की आय पर 846.08 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया है और उसका प्रति शेयर लाभ (ईपीएस) 50.15 रुपए है। कंपनी की इक्विटी में प्रवर्तकों से ज्यादा 27.27 फीसदी हिस्सेदारी विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की है।

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