शख्स एक, दांव 209 अरब डॉलर के!

आर्थिक रफ्तार के थमने ने कम से कम चीन को इतनी सद्बुद्धि तो दे दी कि उसने बैंकों के लिए निर्धारित कैश रिजर्व अनुपात में कमी कर दी है, जबकि इसकी अपेक्षा भारत में की जा रही थी। अपने यहां तो लगता है कि राजनीति देश और देशवासियों से ज्यादा बड़ी हो गई है। देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) महज 6.9 फीसदी बढ़ा, जो 2009 के न्यूनतम स्तर 5.5 फीसदी के काफी करीब है। ऐसे में ब्याज दरें घटाने के अलावा कोई और चारा नहीं है।

ब्याज दरों के बढ़ने की पक्की आहट मंदड़ियों को पहली चेतावनी है। हालांकि निफ्टी के नीचे जाने और रुपए में कमजोरी के आसार भी बरबरार हैं। असल में बैंकर व एफआईआई से जुड़े लोग सायास अफवाह फैला रहे हैं कि डॉलर की विनिमय दर 65 से 70 रुपए तक पहुंच जाएगी ताकि वे डॉलर के 52 रुपए के आसपास रहते हुए ज्याद से ज्यादा भारतीय बांड खरीद सकें।

लेकिन मुझे लगता है कि रुपए में चल रहा खेल अब खत्म हो गया है। मेरा मानना है कि रुपए में धीरे-धीरे सुधार आने लगेगा और दो-तीन महीनों में यह वापस 47 रुपए पर पहुंच जाएगा। कृपया याद करें कि 2008 में जब तमाम एफआईआई रिपोर्ट जारी कर रहे थे कि रुपया 57 तक चला जाएगा, तब मैं ही था जिसने ऐलानिया कहा था कि रुपया पहले 45 पर पहुंचेगा और ऐसा ही हुआ। सवाल उठता है कि जब सारी दुनिया रुपए को लेकर नकारात्मक राय रखती है तब मैं उसको लेकर तेजी की धारणा क्यों पाले हुए हूं?

जब किसी ने सोचा भी नहीं था, तब रुपया 43 से 50 तक का गोता लगा गया, जैसे वो दलाल स्ट्रीट की 29वीं मंजिल से कूदकर खुदकुशी कर रहा हो। हर कोई सन्न रह गया। इससे कंपनियों को 20,000 करोड़ रुपए का तगड़ा तमाचा लगा है। इसमें से 8000 करोड़ रुपए दूसरी तिमाही के खातों में आ चुके हैं। बाकी नुकसान तीसरी तिमाही और बैलेंस शीट में नजर आएगा। लेकिन एक शख्स ऐसा था जिसे मुद्रा की यह चाल पता थी और उसने बड़े पैमाने पर डॉलर में पोजिशन खड़ी कर ली। मेरे सूत्र के मुताबिक नवंबर तक उसकी पोजिशन 209 अरब डॉलर की थी।

अपने यहां कोई फिजिकल सेटलमेंट तो है नहीं। साथ ही माफियाओं के अड्डे दुबई में रुपए में सबसे ज्यादा शॉर्ट सेलिंग हुई है जिसने भारतीय रिजर्व बैंक तक को अस्थिर कर दिया। रिजर्व बैंक को आधिकारिक तौर पर कहना पड़ा कि वह रुपए पर काबू पाने की हालत में नहीं है, जबकि हकीकत यह है कि तब उसके पास 320 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार था। यह आजादी के बाद भारतीय रुपए को लगा दूसरा झटका है जिसकी वजह करेंसी बाजार में सही व्यवस्थाओं का अभाव है।

आज मेरे पास यह मानने की पूरी वजह है कि भारत में बांडों, संयुक्त उद्यमों व निर्यात आय के रूप में फिलहाल लगभग 10 अरब डॉलर आ रहे हैं और बाकी 10 अरब डॉलर भी जल्दी ही आ जाएंगे। तब तक रुपए को 52 रुपए की दर के आसपास बांधे रखा जाएगा। इस बीच बैंकरों व एफआईआई हाउसों की तरफ रुपए के 65 से 70 रुपए तक गिरने की अफवाह में फंसकर तमाम एचएनआई (हाई नेटवर्थ इंडीविजुअल), डीआईआई (घरेलू निवेशक संस्थाएं) व स्थानीय बैंकर रुपए में शॉर्ट सौदे कर रहे हैं। इन सौदों को वही शख्स सोख रहा है जिसने रुपए में 43/44 के स्तर ही बड़े पैमाने पर शॉर्ट सौदे कर डाले थे।

शेयर बाजार का चक्कर यहां भी काम कर रहा है। खुद 6000 पर बेच डालो और 4600 पर अफवाहें फैला दो कि निफ्टी 3800 पर जानेवाला है। इसके बाद बेचारे ट्रेडर, डीआईआई व एचएनआई बेचना शुरू कर देंगे। बाजार नीचे से नीचे पहुंचता चला जाएगा और आपकी मौज हो जाएगी। मेरी समझ तो इसी खेल की तरफ इशारा कर रही है, भले ही आप इसे मानें या न मानें।

खैर, निफ्टी अपनी मजबूती कायम रखेगा क्योंकि इसे एक दिन का चमत्कार मानकर अब भी ताजा शॉर्ट सौदे हुए जा रहे हैं। निफ्टी आज बाजार खुलने के कुछ ही समय में 5011.90 तक जाने के बाद आखिर में 2.17 फीसदी की ठीकठाक बढ़त के साथ 4936.85 पर बंद हुआ है। इसमें मेरा 5055 का लक्ष्य जस का तस है। संभावना इस बात की है कि शुक्रवार शाम को अचानक ब्याज दरों में कटौती का ऐलान हो सकता है। इसलिए सोमवार तक बाजार के यूं ही बढ़ते जाने की पर्याप्त गुंजाइश है। इस दौरान हम बगैर ये परवाह किए कि कौन क्या कर रहा है, चुनिंदा स्टॉक्स को लेकर लांग व शॉर्ट बने रहेंगे। आखिर में बस इतना कि पैंटालून रिटेल, वीआईपी इंडस्ट्रीज व जेट एयरवेज को हर बढ़त पर बेचते रहें।

इंसान व खुशी का हाल कस्तूरी मृग जैसा है। हर कोई खुशी के पीछे भागता फिरता है, बिना यह देखे कि खुशी तो उसके कदमों में बिछी पड़ी है।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं पड़ना चाहता। इसलिए अनाम है। वह अंदर की बातें आपके सामने रखता है। लेकिन उसमें बड़बोलापन हो सकता है। आपके निवेश फैसलों के लिए अर्थकाम किसी भी हाल में जिम्मेदार नहीं होगा। यह मूलत: सीएनआई रिसर्च का कॉलम है, जिसे हम यहां आपकी शिक्षा के लिए पेश कर रहे हैं)

1 Comment

  1. sir maine aapka lekh pada aur jaha tak mujhe yaad hai aapne jet airways me 400 ka target rakha tha
    ab achanak kya hua jo aap har teji par jet air bechne ki baat kar rahen hai
    kripya aap readers ko na bargalaye

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