पिछले 52 हफ्तों की खाद्य मुद्रास्फीति का औसत भले ही 10.52 फीसदी हो, लेकिन सरकार के लिए सुकून की बात है कि इसकी दर 19 नवंबर को खत्म सप्ताह में ठीक 8 फीसदी पर आ गई है। इससे पिछले हफ्ते खाद्य वस्तुओं के थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित यह दर 9.03 फीसदी थी।
मुद्रास्फीति को अभी के हफ्ते के थोक मूल्य सूचकांक और साल पहले के हफ्ते के थोक मूल्य सूचकांक के अंतर के प्रतिशत के रूप में निकाला जाता है। जैसे, 19 नवंबर 2011 को खाद्य वस्तुओं का थोक मूल्य सूचकांक 195.7 है, जबकि साल भर की समान अवधि में यह 181.2 था। इस तरह साल भर में यह 8 फीसदी बढ़ गया।
वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार 19 नवंबर को खत्म हफ्ते में साल दर साल आधार पर प्याज 40.64 फीसदी सस्ता हुआ और आलू की कीमत 10.98 फीसदी नीचे आई, जबकि गेहूं 4.71 फीसदी सस्ता हुआ। लेकिन बाकी खाद्य वस्तुओं के दाम में बढ़ोतरी दर्ज की गई। इस दौरान, दालें 13.80 फीसदी महंगी हुईं, जबकि दूध के दाम में 11.41 फीसदी की वृद्धि देखी गई। अंडा, मांस, मछली का दाम 13.55 फीसदी बढ़ गया। इस दौरान सब्जियों के थोक दाम 5.13 फीसदी, फलों के दाम 7.98 फीसदी और अनाज के दाम 1.97 फीसदी बढ़े हैं।
प्राथमिक वस्तुओं के वर्ग में 19 नवंबर को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान मुद्रास्फीति 7.74 फीसदी रही है, जबकि इससे पिछले सप्ताह में यह 9.08 फीसदी थी। थोक मूल्य सूचकांक में प्राथमिक वस्तुओं का योगदान 20.12 फीसदी है। आलोच्य सप्ताह में ईंधन और ऊर्जा समूह की मुद्रास्फीति पहले के 15.49 फीसदी के मुकाबले बढ़कर 15.53 प्रतिशत पर पहुंच गई। थोक मूल्य सूचकांक में ईंधन व ऊर्जा समूह का योगदान 14.91 फीसदी है।