महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) के वितरण तंत्र को दुरूस्त करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि ‘लीकेज’ को दूर करने और पारदर्शिता को बेहतर बनाने के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल एक बेहतर साधन हो सकता है ।
प्रधानमंत्री ने मनरेगा के तहत काम करने वाले सभी मजदूरों का बायोमेट्रिक डाटाबेस तैयार करने और इसका इस्तेमाल हाजिरी और मजदूरी के भुगतान जैसे कामों में किये जाने के प्रस्ताव की भी घोषणा की और उम्मीद जताई कि इससे काम के आवंटन में भेदभाव, भुगतान में विलंब और फर्जी मस्टर रोल के मामलों में कमी आएगी ।
प्रधानमंत्री ने बुधवार को मनरेगा लागू होने के पांच वर्ष पूरे होने पर राजधानी दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित सम्मेलन में यह बात कही। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी में आयी क्रांति को हमें ग्रामीण क्षेत्रों तक ले जाना होगा। इससे न सिर्फ ग्रामीण भारत की तस्वीर बदलेगी बल्कि लोगों की मानसिकता में बदलाव आएगा। इससे अवसरों और संभावनाओं का ऐसा द्वार खुलेगा जिसकी लोग कल्पना नहीं कर सकते।