चाय के लिए खरगोशों को नहीं काटेगी यूनिलीवर

पशु प्रेमियों की अपील को ध्यान में रखते हुए लिप्टन ब्रांड की चाय बनानेवाली कंपनी बहुराष्ट्रीय कंपनी यूनिलीवर ने चाय पर शोध के लिए जानवरों पर प्रयोगात्मक परीक्षण बंद करने की घोषणा की है। भारत में यह ब्रांड उसकी सब्सिडियरी हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल) बेचती है।

पीपुल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनीमल (पेटा) और ब्रिटेन, भारत तथा जर्मनी में उसके 40,000 से अधिक कार्यकर्ताओं ने कंपनी से चाय शोध के लिए सूअर और खरगोश जैसे जानवरों पर परीक्षण को क्रूरता बताते हुए इसे बंद करने की अपील की थी। पेटा के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने कंपनी के अधिकारियों से इस बारे में मिल कर बातचीत की थी। यूनिलीवर का मुख्यालय न्यूजर्सी में है।

पेटा के इस प्रकार के अभियान से कंपनी ने अपनी बेवसाइट में एक नयी नीति की घोषणा करते हुए लिखा, ‘‘यूनिलीवर अपने चाय व चाय आधारित पेय के लिए जानवरों पर परीक्षण बंद करने की प्रतिबद्धता व्यक्त करती है। यह नीति तुरंत लागू हो गयी है।’’

जानवरों पर काम करने वाली संस्था पेटा के अध्यक्ष ई न्यूकिर्क ने कहा, ‘‘लिप्टन के निर्णय का आशय है कि कंपनी अब जीवित सुअरों को पीड़ा नहीं देगी और खरगोशों का सिर नहीं काटेगी।’’ उल्लेखनीय है कि लिप्टन से पहले हरी चाय की प्रमुख निर्माता कंपनी आईटीओ ईएन व विश्व स्तर की अन्य कंपनियों आनेस्ट टी, ट्यूनिंग्स, लुजियाने टी और स्टाश दी जैसी अनेक कंपनियों ने जानवरों पर परीक्षण बंद करने का वादा किया है।

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