निर्यात शुल्क बढने से भारत से लौह अयस्क का निर्यात चालू वित्त वर्ष 2011-12 में करीब 25 फीसदी घटकर नौ करोड़ टन रहने का अनुमान है। यह अनुमान खनन उद्योग ने लगाया है।
सरकार ने अब लौह अयस्क पर निर्यात शुल्क बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया है। इसके अलावा इस साल निर्यातकों को कई और बाधाओं का सामना करना पड़ा है। लौह अयस्क का निर्यात कर्नाटक द्वारा निर्यात पर प्रतिबंध लगाए जाने के कारण आठ माह से प्रभावित है। इसके अलावा रेलवे के मालभाड़े में वृद्धि और चीन से मांग में आई कमी के कारण भी इसका निर्यात प्रभावित हुआ है।
फेडरेशन ऑफ इंडियन मिनरल इंडस्ट्रीज (एफआईएमआई) के महासचिव आर के शर्मा ने समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट को बताया, “शुल्क में वृद्धि ने इस महीने निर्यात को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। उद्योग को कई झटके लगे हैं और मौजूदा स्थिति में कुल वाषिर्क निर्यात नौ करोड़ टन से अधिक का नहीं होगा।” देश ने पिछले वर्ष 11.7 करोड़ टन लौह अयस्क का निर्यात किया था।
शर्मा ने कहा कि शुल्क में की गई वृद्धि एक मार्च से लागू है और उसके परिणामस्वरूप इस वर्ष मार्च में निर्यात करीब 50 फीसदीद घट जाएगा। बता दें कि एक्साइज या कस्टम ड्यूटी जैसी अप्रत्यक्ष कर प्रस्ताव बजट में घोषणा होने के साथ ही लागू हो जाते हैं।