देश के निर्यात कारोबार में लगातार तेजी का रुख बना हुआ है और फरवरी 2011 में इसमें 50 फीसदी की धमाकेदार वृद्धि दर्ज की गई है। इसकी बदौलत वित्त वर्ष के शुरुआती 11 महीनों में कुल निर्यात 208 अरब डॉलर से अधिक हो गया, जबकि पूरे साल का लक्ष्य 200 अरब डॉलर का था। अब उम्मीद बंधी है कि वर्ष 2010-11 में कुल निर्यात 235 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा।
वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी विदेश व्यापार के आंकडों के मुताबिक फरवरी 2011 में निर्यात 49.7 फीसदी बढ़कर 23.59 अरब डॉलर तक पहुंच गया जबकि इस महीने आयात कारोबार 21.2 फीसदी की वृद्धि के साथ 31.7 अरब डॉलर का रहा।
वैश्विक आर्थिक मंदी का असर ज्यों-ज्यों दुनिया के देशों से खत्म हो रहा है, हमारे निर्यात कारोबार में उछाल आता जा रहा है। नवंबर 2009 के बाद से निर्यात कारोबार में लगातार सुधार और तेजी का रुख बना हुआ है। अप्रैल से फरवरी 2010-11 में निर्यात कारोबार की वृद्धि 31.4 फीसदी रही और कुल निर्यात 200 अरब डॉलर का आंकड़ा लांघता हुआ 208.23 अरब डॉलर तक पहुंच गया। इस दौरान आयात में 18 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई और यह 305.3 अरब डॉलर रहा है।
निर्यात क्षेत्र के जानकारों के अनुसार यदि यही रफ्तार बनी रही तो मार्च में समाप्त पूरे वित्त वर्ष 2010-11 का निर्यात 235 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा। अप्रैल से फरवरी के 11 महीनों की अवधि में निर्यात की तीव्र वृद्धि और आयात में अपेक्षाकृत धीमी रफ्तार के चलते व्यापार घाटा एक साल पहले के 100.25 अरब डॉलर के मुकाबले घटकर 97.07 अरब डॉलर रह गया।