बजट से पहले वित्त मंत्री का इरादा, जीएसटी पर अमल जल्द से जल्द

सरकार माल व सेवा कर (जीएसटी) को जल्दी से जल्दी लागू करने के लिए राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रही है। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने बुधवार को राजधानी दिल्ली में आयोजित सीमा शुल्‍क और केन्‍द्रीय उत्‍पाद शुल्क विभाग के एक समारोह के दौरान यह बात कही। उनका कहना था कि जीएसटी देश के अप्रत्यक्ष कर प्रणाली के इतिहास में सबसे अहम सुधार है। उद्योग व व्यापार जगत ही नहीं, तमाम अर्थशास्त्री व विशेषज्ञ में इसे बेहद महत्वपूर्ण आर्थिक सुधार मानते हैं।

बता दें कि जीएसटी को अप्रैल 2010 से ही लागू किया जाना था। लेकिन राज्यों, खासकर बीजेपी शासित राज्यों के विरोध के कारण यह बराबर टलता जा रहा है। वित्त मंत्री ने सीमा शुल्क और केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग के राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त 35 अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशस्ति पत्र देने के बाद कहा कि जीएसटी कराधान के मामले में और अधिक सक्षम प्रणाली के तौर पर सामने आएगा और इससे केन्‍द्र और राज्‍यों के कर राजस्‍व में वृद्धि होने की संभावना है।

वित्‍त मंत्री ने कहा कि जीएसटी राज्‍यों के बीच आने वाले अवरोधों को भी दूर करेगा और समूचे देश को एक समान बाजार में परिवर्तित करेगा। उन्‍होंने कहा कि एक बार कार्यान्वित हो जाने के बाद जीएसटी देश में अप्रत्‍यक्ष कराधान के क्षेत्र में एक मिसाल कायम करेगा।

वित्‍त मंत्री श्री प्रणब मुखर्जी ने कहा कि सीमा शुल्‍क और उत्‍पाद विभाग ने देश में तेजी से बदलते आर्थिक वातावरण की चुनौतियों को शीघ्रता और सफलता के साथ स्‍वीकार करने की योग्‍यता को दर्शाया है। उन्होंने कहा कि केन्‍द्रीय उत्‍पाद शुल्क और सेवा कर वापसी के लिए आवश्‍यक ई-फाइलिंग की शुरूआत से न सिर्फ यह प्रक्रिया सुविधाजनक हुई है, बल्कि इससे खर्च भी घटा है।

उन्‍होंने कहा कि केन्‍द्रीय उत्‍पाद शुल्क राजस्‍व पिछले दस सालों में दोगने से ज्‍यादा हो गया है। यह वर्ष 2000-01 के 68,282 करोड़ से 2010-11 में 1,37,427 करोड़ रुपए हो गया, जो अप्रत्‍यक्ष करों से प्राप्‍त कुल राजस्‍व का 40 फीसदी है। श्री मुखर्जी ने कहा कि वर्तमान वित्‍त वर्ष में जनवरी 2012 तक केन्‍द्रीय उत्‍पाद से प्राप्‍त कुल अप्रत्‍यक्ष कर संग्रह 3,17,223 करोड़ रुपए में से केन्‍द्रीय उत्‍पाद शुल्क संग्रह 1,17,730 करोड़ रुपए है। उन्‍होंने कहा कि पिछले वर्षों में सेवा कर राजस्‍व में भी खासी वृद्धि हुई है। वित्‍त मंत्री ने कहा कि 2000-01 के मात्र 2612 करोड़ रुपये के राजस्‍व की तुलना में 2010-11 में सेवा कर संग्रहण 70,391 करोड़ रुपए रहा, जो कुल अप्रत्‍यक्ष कर संग्रह का करीब 20 फीसदी है।

इस मौके पर केंद्रीय उत्पाद व सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) के चेयरमैन एस के गोयल ने बताया कि वर्तमान वित्‍त वर्ष में जनवरी 2012 तक हुआ 3,17,233 करोड़ रूपए का अप्रत्‍यक्ष कर संग्रह पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 15 फीसदी अधिक है।

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