हमने ऑप्शन के भावों को समझने के दौरान पाया कि इसे निर्धारित करने में वोलैटिलिटी, विशेष रूप से इम्प्लायड वोलैटिलिटी बहुत अहम भूमिका निभाती है। इसी तरह की वोलैटिलिटी को एनएसई का एक सूचकांक हर दिन पेश करता है। वो है India VIX जो निवेशकों में छाई धारणा को दिखाता है कि एक्सपायरी तक निफ्टी कितना ऊपर या नीचे हो सकता है। यह असल में ऑप्शंस के प्रीमियम की इम्प्लायड वोलैटिलिटी की माप है। साथ ही इससेऔरऔर भी

हमने ऑप्शन ट्रेडिंग की इस अध्ययन श्रृंखला में शुरू में जाना कि आईटीएम, एटीएम व ओटीएम ऑप्शन का क्या मतलब है, कॉल व पुट ऑप्शन क्या होते हैं, उन्हें खरीदने और बेचने में लाभ का फॉर्मूला क्या है, ऑप्शन राइटर या बेचने वाला ही ज्यादातर क्यों कमाता है, उसे कितना बड़ा मार्जिन देना पड़ता है, आज के ऑप्शन राइटर और कल के बदला फाइनेंसर में क्या समानता है, आदि-इत्यादि। सब कुछ उदाहरण के साथ समझते गए। फिरऔरऔर भी

ट्रेडिंग बुद्ध में स्टॉक्स ट्रेडिंग का सिलसिला 8 जून को अनलॉक-1 के पहले दिन के साथ दोबारा शुरू हो जाएगा। इस बीच आज से शुक्रवार, 5 जून तक हम ऑप्शन ट्रेडिंग को सीखने, समझने और आजमाने का क्रम जारी रखेंगे। एक बार हम फिर उन्हीं तीन रणनीतियों को बाजार में अपनाते हैं जिनसे हमने पहली बार में ही हफ्ते भर में 77.91 प्रतिशत का सांकेतिक रिटर्न कमाया था। साथ ही एक नया सौदा भी करेंगे। बटरफ्लाई स्प्रेड:औरऔर भी