मेरी मानिए तो आज सिर्फ और सिर्फ बजट को देखिए। देखिए कि बाजार उसे कैसे लेता है और सोचते रहिए कि भविष्य के निवेश की प्लानिंग कैसे करेंगे। वैसे तो बजट के सारे दस्तावेज आपको सरकार की खास वेबसाइट पर मिल जाएंगे। लेकिन मेरा कहना है कि 11 बजे से लोकसभा में वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी के भाषण को ध्यान से सुन लेंगे तो मोटामोटी तस्वीर साफ हो जाएगी। निवेश के लिहाज से बजट में क्या देखा-सुनाऔरऔर भी

दार्शनिक बंधु सदियों से इसी तर्क में उलझे हैं कि पहले अंडा आया कि मुर्गी। लेकिन विज्ञान बताता है कि पहले आया आरएनए – राइबो न्यूक्लीक एसिड जो एक साथ मुर्गी भी है और अंडा भी।और भीऔर भी

समझ में नहीं आता इन दुखी आत्माओं का क्या करूं? एक दुखी आत्मा ने लिखा है, “हेलो! आप यहां हर वक्त लिखते हैं कि मार्केंट मजबूत रहेगा। लेकिन हर वक्त वो नीचे ही नीचे जा रहा है। आपने लिखा था कि 6200 से 7000 तक निफ्टी जाएगा। मगर ऐसा नहीं हुआ। अगर आपको सही मालूम होता तो क्यों नहीं आप सबको बोलते कि निफ्टी 4500 तक जाएगा। जब निफ्टी 6200 था तब सब अपना बेच देते औरऔरऔर भी

हमारे राजनेताओं को मजबूरन अपनी जुबान खोलते वक्त जन-भावनाओं का ख्याल रखना पड़ता है। लेकिन अच्छे से अच्छे नौकरशाह भी अक्सर जन-भावनाओं के प्रति इतने असंवेदनशील हो जाते हैं कि ऐसी बातें बोल जाते हैं कि अपनी परंपरा का यह नीति-वाक्य तक याद नहीं रहता – सत्यम् ब्रूयात प्रियं ब्रूयात, न ब्रूयात सत्यम् अप्रियं। आपको याद होगा कि कुछ साल पहले अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने कहा था कि दुनिया में जिंसों के दामऔरऔर भी

भारतीय रेल 157 साल पुरानी है। देश के कुल 1083 स्टेशनों को जोड़ती है। हर दिन 2.20 करोड़ लोग इससे सफर करते हैं और 25 लाख टन माल ढोया जाता है। 2004-05 में हर दिन चलनेवाली ट्रेनों की संख्या 16,021 और पूरे साल में यात्रियों की संख्या 538 करोड़ थी। 2009-10 में कुल यात्रियों की संख्या 720 करोड़ और प्रतिदिन चलनेवाली ट्रेनों की संख्या 18,820 हो गई। यानी, औसत की बात करें कि देश की पूरी आबादीऔरऔर भी

आर्थिक समीक्षा ने अच्छे बजट की जमीन तैयार कर दी है। वित्त वर्ष 2011-12 में 9 फीसदी आर्थिक विकास की दर। कृषि और इंफ्रास्ट्रक्टर पर जोर। चालू खाते के घाटे को कम करने की चिंता जो वित्त मंत्री को विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) को खुश रखने को मजबूर किए रहेगी। मल्टी ब्रांड रिटेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की इजाजत। बीमा व बैंकिंग क्षेत्र के सुधार। काले धन और भ्रष्टाचार के खिलाफ ठोस कदम। ऊपर से हल्के सेऔरऔर भी

हर कोई सिर नीचे गाढ़कर चरे जा रहा है। जाल-जंजाल इतने कि जानी-पहचानी चीजों के अलावा और कुछ जानने की फुरसत नहीं। ऐसे में काम की चीज भी लोगों को भोंपू बजाकर सुनानी पड़ती है।और भीऔर भी

हमारा काम हमें विस्तार देता है। बड़ा काम करने के लिए उदार मन और सोच की जरूरत होती है। हर बड़े काम के साथ हमारा कद बढता है और हमारी सोच का दायरा भी और व्यापक हो जाता है।और भीऔर भी

भारतीय रेल ने नए वित्त वर्ष 2011-12 में 57,630 करोड़ रुपए खर्च करने का निर्णय लिया है। यह किसी एक साल में रेलवे का अब तक का सबसे बड़ा आयोजना खर्च है। इस खर्च में से 20,000 करोड़ रुपए वित्त मंत्रालय से बजटीय सहयोग के रूप में मिलेंगे। भारतीय रेल अपने आंतरिक स्रोतों से 14,219 करोड़ रुपए लगाएगी। डीजल पर सेस या अधिभार से 1041 करोड़ रुपए मिलेंगे। निजी क्षेत्र की भागीदारी वाली पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप)औरऔर भी

रेल मंत्री ममता बनर्जी ने इन आरोपों को गलत बताया कि उनका रेल बजट लोकलुभावन या पश्चिम बंगाल केन्द्रित है। उन्होंने कहा कि उन्होंने इस बजट में पूरे देश का ध्यान रखा है और हर क्षेत्र के लिए परियोजनाएं दी हैं। लोकसभा में वित्त वर्ष 2011-2012 का रेल बजट पेश करने के बाद संसद भवन में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए ममता ने सीपीएम के उस आरोप को भी गलत बताया कि उन्होंने रेलवे को कंगाल बनाऔरऔर भी