सोने का भाव अभी 18,000 से 19,000 रुपए प्रति दस ग्राम के आसपास ऊपर नीचे हो रहा है। भाव बढ़ते हैं, मुनाफावसूली होती है। भाव गिरते हैं, खरीदारी बढ़ती है। भाव फिर बढ़ जाते हैं। लेकिन कभी आपने इस पर गौर किया है कि इस दौरान सोने के कारोबार से जुड़ी कंपनियों के शेयरों का क्या हाल चल रहा है? नहीं किया है तो कर लीजिए क्योंकि जानकार बताते हैं कि जिंस के भाव और उसके स्टॉकऔरऔर भी

कैल्स रिफाइनरी में कल बीएसई के बी ग्रुप में सबसे ज्यादा शेयरों का कारोबार हुआ। महज 3525 सौदों में उसके करीब 3.45 करोड़ शेयरों का लेन-देन हुआ। और, यह सिलसिला अभी से नहीं, हफ्तों से चल रहा है। पिछले दो हफ्ते में हर दिन औसतन उसके 3.92 करोड शेयरों के सौदे हुए हैं। चौंकिए मत, इसके 1 रुपए अंकित मूल्य के शेयर का भाव है 33 पैसे, जी हां मात्र 33 पैसे। आप कहेंगे कि बड़ी घटियाऔरऔर भी

धनुष (Dhanus) टेक्नोलॉजीज चेन्नई की कंपनी है। सॉफ्टवेयर से लेकर बीपीओ और टेलिकॉम सेवाओं से जुड़ा काम करती है। बीएसई व एनएसई दोनों में लिस्टेड है। बीएसई में कल उसके 14,327 शेयरों का एक सौदा हुआ और ये सभी शेयर डिलीवरी के लिए थे। किसी निवेशक ने 62,337 शेयर खरीदने के लिए पहले से 4.98 फीसदी बढ़ाकर 15.81 का भाव लगाया था। बहुत सोच-समझकर यह भाव लगाया गया क्योंकि इस शेयर में सर्किट लिमिट 5 फीसदी कीऔरऔर भी

इधर डॉलर-रुपए की विनिमय दर में तेजी से आ रहे बदलाव के कारण निवेशकों की दिलचस्पी निफ्टी फ्यूचर्स से ज्यादा डॉलर-रुपए के फ्यूचर सौदों में हो गई है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के आंकड़ों के मुताबिक बुधवार, 2 जून को जहां निफ्टी फ्यूचर्स के 21,20,279 कांट्रैक्ट हुए हैं, वहीं डॉलर-रुपए के फ्यूचर्स में हुए कांट्रैक्ट की संख्या 32,83,341 है। इस तरह बुधवार को निफ्टी फ्यूचर्स की बनिस्बत करीब डेढ़ गुना सौदे विदेशी मुद्रा बाजार में एक्सचेंज परऔरऔर भी

समझ में नहीं आता कि जिस कंपनी के शेयर की बुक वैल्यू 65.78 रुपए हो, जिसने पिछले साल अक्टूबर में शिव नारायण इनवेस्टमेंट्स प्रा. लिमिटेड नाम की फर्म को जारी किए गए 5.60 लाख वारंट इसी 30 मार्च 2010 को 70 रुपए के मूल्य (10 रुपए अंकित मूल्य + 60 रुपए प्रीमियम) पर इतने ही शेयरों में बदले हों, उसके शेयर का भाव 25-30 रुपए कैसे हो सकता है। लेकिन लुधियाना की कंपनी गर्ग फरनेस का सचऔरऔर भी

कंप्यूटर पर एक की गलत दब जाने के क्या हो जाता है, इसका उदाहरण है कि आज बाजार में रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) के 5 लाख शेयर गलती से बिक गए। सूत्रों के मुताबिक यह गलती ब्रोकर फर्म इंडिया इंफोलाइन (आईआईएफएल) के एक डीलर से हुई है। डीलर को आईसीआईसीआई बैंक के 5 लाख शेयर बेचने थे। लेकिन गलती से बटन आरआईएल पर दब गया। और फिर क्या था, सेकंडों में चलनेवाले बाजार में बिक गए आरआईएल केऔरऔर भी

शुक्रवार, 28 मई को बाजार बंद होने के बाद हमने कर्नाटक बैंक के बारे में लिखा था कि कैसे वह अधिग्रहण के लिए बहुत सस्ता लक्ष्य हो सकता है। तब उसका बंद भाव बीएसई में 150.75 रुपए था। कर्नाटक बैंक के बारे में ऐसी कोई सूचना या कयास किसी भी मीडिया में मैंने नहीं देखा। लेकिन सोमवार को यह शेयर बीएसई में 13.17 फीसदी बढ़कर 170.60 पर बंद हुआ। ऊपर में तो यह करीब 16.5 फीसदी बढ़करऔरऔर भी

श्री शक्ति पेपर मिल्स ने दो दिन पहले ही अपने सालाना नतीजे घोषित किए हैं। 2009-10 में उसकी बिक्री पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 3.27 फीसदी बढ़कर 143.26 करोड़ रुपए हो गई है। लेकिन इसी दौरान उसका शुद्ध लाभ 39.98 फीसदी बढ़कर 4.64 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है। शायद इन्हीं परिणामों के असर से सोमवार को उसका शेयर बीएसई में 5.45 फीसदी बढ़कर 22.25 रुपए पर बंद हुआ है। इस भाव पर भी इसका पी/ईऔरऔर भी

हफ्ते की शुरुआत अर्थव्यवस्था की एक बड़ी तस्वीर के साफ होने, पारदर्शिता से हो रही है। आज सरकार सकल घरेलू उत्पाद (जीपीडी) के आंकड़े पेश करनेवाली है। यह अर्थव्यवस्था ही नहीं, पूरे बाजार के लिए बहुत अहम जानकारी है। निफ्टी में काफी शॉर्ट सौदे हो रखे हैं। इनकी कवरिंग के चलते बाजार शुरुआत में बढ़ सकता है। कुछ रिसर्च आधारित तहकीकात के बाद इस हफ्ते के लिए चार शेयरों की शिनाख्त की गई है। ये शेयर हैंऔरऔर भी

जिस तरह आईसीआईसीआई बैंक ने राजस्थान बैंक को खरीद लिया है, उसी तरह कर्नाटक बैंक भी किसी दिन बिक सकता है। बस दिक्कत यह है कि इसके सौदे को अंजाम देने के लिए किसी भी मर्चेंट बैंकर को बड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी क्योंकि इसका कोई प्रवर्तक ही नहीं है। इसकी सारी की सारी 133.99 करोड़ रुपए की इक्विटी 82,043 शेयरधारकों में विभाजित है। बड़े शेयरधारकों में 16 देशी-विदेशी संस्थाएं ऐसी हैं जिनके पास कर्नाटक बैंक की 31.37औरऔर भी