पहले प्रस्ताव था कि 1 अप्रैल 2010 से बैंकों के सभी तरह के लोन पर बेस रेट की नई पद्धति लागू कर दी जाएगी। लेकिन बैंकों के शीर्ष अधिकारियों से राय-मशविरे के बाद रिजर्व बैक ने इसे अब 1 जुलाई 2010 से लागू करने का फैसला किया है। यह फैसला शुक्रवार को लिया गया। इस नई पद्धति के लागू होने पर अभी तक लागू बीपीएलआर (बेंचमार्क प्राइम लेंडिंग रेट) पद्धति धीरे-धीरे खत्म हो जाएगी। बीपीएलआर के साथऔरऔर भी

मैंने कल ही एनएमडीसी के बारे में लिखा था और इसके शेयर के भाव में 5 फीसदी से ज्यादा का करेक्शन आ गया। मतलब, इसमें इसमें इतनी गिरावट आ गई। इसीलिए सेसा गोवा का ताप भी ठंडा पड़ रहा है। बहुत से कारोबारी गलत दांव में फंस गए हैं और इसलिए आनेवाले दिनों में सेसा गोवा में काफी ज्यादा गिरावट आ सकती है। वैसे इस स्टॉक का दायरा बढ़ चुका है। आज ही कुछ एजेंसियों व चैनलों ने इसमें खरीद की सलाह दी है।औरऔर भी

हमारा मानना था कि निफ्टी आज उठेगा। पर ऐसा हुआ नहीं। हालांकि इसमें गिरावट भी नहीं आई। असल में बाजार ए ग्रुप के ऑटो, मेटल व बैंकिंग शेयरों में ओवरबॉट की स्थिति में आता जा रहा है यानी इनमें काफी खरीद हो चुकी है, जबकि रीयल्टी व इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों के शेयरों में खरीद का स्तर काफी कम है। हमने बजट के फौरन बाद कह दिया था कि रीयल्टी व इंफ्रा कंपनियों पर सर्विस टैक्स का ज्यादा असर नहीं पड़ेगा।औरऔर भी

चार्ट की महिमा बघारनेवाले ज्यादातर टेक्निकल एनालिस्ट 14000 से 12000 की तलहटी खोजने में लगे रहे, लेकिन बीएसई सेंसेक्स आज 17000 की ऊंचाई तक जा पहुंचा। मैं आपका ध्यान पहले ही एलआईसी की उस टिप्पणी पर खींच चुका हूं, जिसमें मार्च के अंत तक सेंसेक्स के 17500 तक पहुंचने की इच्छा जताई गई थी। अभी हम मार्च की शुरुआत में हैं और सेंसेक्स 17000 पर पहुंच चुका है। 10 मार्च को एनएमडीसी का 200-300 अरब डॉलर काऔरऔर भी

शुक्रवार को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी सूचकांक 5000 का स्तर छूने के बाद आखिरी दस मिनट में 4950 से नीचे आ गया। यह वो स्तर था जहां मंदी की फितरत वाले कारोबारियों या मंदड़ियों को काफी हद तक यकीन था कि बिक्री के करार के सौदों को पूरा करने के लिए उन्हें खरीद की जरूरत नहीं है यानी वे शॉर्ट रह सकते हैं। महज एक मजा हुआ चालाक खिलाड़ी ऐसा था जो 4950 के ऊपर भीऔरऔर भी

बजट ने यकीनन बाजार की प्रमुख चिंताओं का ख्याल रखा है। वित्त मंत्री सरकार की बाजार उधारी को 3.45 लाख करोड़ रुपए तक लाने में कामयाब रहे हैं, जबकि एनालिस्ट लोग 4.75 लाख करोड़ की उम्मीद कर रहे थे। यह भी वाकई चौंकानेवाली बात रही कि आयकर में रियायतें दी गई हैं। वह भी तब, जब सरकार को राजस्व जुटाने में मुश्किल आ रही है। सरकार के प्रत्यक्ष कर प्रस्तावों से उसकी कर आमदनी में 26,000 करोड़औरऔर भी

अब तक के इतिहास में केवल वीपी सिंह ऐसे वित्त मंत्री रहे हैं जिन्होंने बाजार बंद रहने के दिन, शनिवार को बजट पेश किया था। इस बार का बजट भी इस मायने में पहला है कि इसके बाद लगातार तीन दिन की छुट्टियां पड़ रही हैं। शनिवार, रविवार और फिर सोमवार को होली। इसलिए हमारे माननीय वित्त मंत्री अपने बजट प्रस्तावों पर बाजार की पूरी प्रतिक्रिया जानने से तीन दिन तक महरूम रह जाएंगे। अमूमन बजट शेयरऔरऔर भी

कभी स्टरलाइट समूह की कंपनी मद्रास एल्युमीनियम की सब्सिडियरी रह चुकी इंडिया फॉयल इस समय इनसाइडर ट्रेडिंग के फेरे में पड़ी हुई है। यह कंपनी बीआईएफआर के हवाले किए जाने के बाद डीलिस्ट हो गई थी। जब यह बीआईएफआर के दायरे से बाहर निकली तो एस डी (ESS DEE) एल्युमीनियम ने इसका अधिग्रहण कर लिया। हालांकि बीआईएफआर से बाहर निकलने में उसे लंबा वक्त लग गया। इसके बाद इंडिया फॉयल में प्रवर्तकों की हिस्सेदारी बढ़कर 89 फीसदीऔरऔर भी

करेंट एकाउंट (सीए) यानी चालू खाते और सेविंग एकाउंट (एसए) यानी बचत खाते को मिला दें तो बनता है सीएएसए यानी कासा। बैंक की कुल जमाराशि में कासा जमा का हिस्सा कितना है, इससे उसकी लागत पर बहुत फर्क पड़ता है। चालू खाते मुख्तया कंपनियां, फर्में व व्यापारी व उद्यमी रखते हैं जो हर दिन खाते से काफी लेन-देन करते हैं। जबकि बचत खाते में हमारे-आप जैसे आम लोग अपना धन जमा रखते हैं और इसका इस्तेमालऔरऔर भी