शेयर बाज़ार के आम ट्रेडर परेशान हैं, ऑप्शंस ट्रेडर हैरान हैं तो फ्यूचर्स ट्रेडर भी कोई कम हैरान-परेशान नहीं। वे तो बेहद जटिल, अनोखी व गंभीर चुनौती झेल रहे है। ऐसी पहेली जिससे हम अक्सर रू-ब-रू नहीं होते। जब सरकारी बॉन्डों की यील्ड यानी रिस्क-फ्री ब्याज दर बढ़ रही हो, तब ऑप्शंस के साथ ही फ्यूचर्स का प्रीमियम बढ़ जाना चाहिए क्योंकि तब सौदे को कैरी करने की लागत बढ़ जाती है। प्रीमियम का सीधा रिश्ता उस समय की रिस्क-फ्री ब्याज दर से होता है। लेकिन इस समय अपने यहां निफ्टी फ्यूचर्स की हालत पस्त है। शुक्रवार को निफ्टी-50 बंद हुआ है 16220.60 पर, जबकि फ्यूचर्स का भाव 16,233.35 है। मात्र 0.078% प्रीमियम यानी 0.943% सालाना ब्याज, जबकि सरकारी बॉन्ड की यील्ड इस समय 7.415% चल रही है। अब सोमवार का व्योम…
यह कॉलम सब्सक्राइब करनेवाले पाठकों के लिए है.
'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं।
इस कॉलम को पूरा पढ़ने के लिए आपको यह सेवा सब्सक्राइब करनी होगी। सब्सक्राइब करने से पहले शर्तें और प्लान व भुगतान के तरीके पढ़ लें। या, सीधे यहां जाइए।
अगर आप मौजूदा सब्सक्राइबर हैं तो यहां लॉगिन करें...