शेयर बाज़ार में इधर एक खास पैटर्न दिख रहा है। कुछ दिन गिरने के बाद अचानक एकाध दिन वो बढ़ जाता है। लेकिन उसके बाद फिर कई दिनों तक गिरता जाता है। एडवांस-डिक्लाइन अनुपात किसी दिन चढ़ जाता है। फिर कई दिन तक नीचे डूबता जाता है। इसकी खास वजह है कि शेयरों को चढ़ाने के लिए धन का जो सतत प्रवाह चाहिए, वह अभी तक सूखता गया और आगे भी सटोरिया खरीद के लिए ज़रूरी धन ब्याज दरें बढ़ने के कारण महंगा ही होता जाएगा। दरअसल, इस समय मुद्रास्फीति से लड़ने के लिए ब्याज दरें बढ़ाने का जो चक्र शुरू हुआ है, उसकी होड़ मे हर देश ब्याज दर बढ़ाने को मजबूर है। जब धन का टोंटा पड़ा हुआ है और उसकी लागत बढ़ गई है तब भाव बढ़ते या गिरते हैं तो और ज्यादा गिरने के ही लिए। अब गुरुवार की दशा-दिशा…
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