हाय-तौबा के पीछे कुछ निहित स्वार्थ

दोपहर तक चढ़ रहा बाजार बाद में गिर गया। निफ्टी 1.23 फीसदी बढ़त लेकर 5322.45 तक चला गया। लेकिन मंदड़ियों का हमला जारी रहा तो आखिर में महज 0.34 फीसदी की बढ़त के साथ 5275.85 पर बंद हुआ। लेकिन मुझे कोई भ्रम नहीं, कोई दुविधा नहीं। मंदड़ियों का हमला बाजार का रुख बदल सकता है, मेरी राय नहीं। मॉरीशस के मुद्दे को जरूरत से ज्यादा तान दिया गया। बाजार का हर खिलाड़ी इस हकीकत से वाकिफ है और जानता है कि देश में 42 फीसदी एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) मॉरीशस रूट से ही आता है।

सबसे पहली बात तो यह है कि ये दो देशों का मसला है कि वे दोहरा कराधान बचाव संधि (डीटीएए) की क्या नई शर्तें तय करते हैं। चूंकि यह नीति संबंधी फैसला है, इसलिए इसे रातोंरात नहीं किया जा सकता। दूसरे, अगर संधि में नई शर्तें डाली भी गईं तो वे पिछले प्रभाव से नहीं लागू की जा सकतीं। फिर मॉरीशस रूट बंद भी हो गया तो साइप्रस की राह तो अब भी खुली है। इसलिए झूठ-मूठ की हायतौबा मचाने का कोई तुक नहीं है। असल मुद्दा यह है कि सरकार अगर काले धन को टैक्स के दायरे में लाने पर उतारू है तो इससे बचने का कोई रास्ता नहीं होगा। और, सरकार ऐसा करती है तो यह दूरगामी रूप से भारतीय अर्थव्यवस्था के हित में होगा।

कल बाजार ने बहुत ही आवेश में आकर प्रतिक्रिया दिखाई थी। लेकिन इसके पीछे कुछ लोगों को निहित स्वार्ख था। यह आसानी से साबित हो जाएगा, जब हम एफआईआई के निवेश व धंधे का पैटर्न देखेंगे। बाजार के कुछ उस्तादों ने एफआईआई के साथ मिलकर इसे ट्रिगर के बतौर इस्तेमाल किया क्योंकि उन्हें पता था कि अपने मूल देशों में अदायगी के दबाव में एफआईआई की तरफ से 2000 करोड़ रुपए से ज्यादा की बिकवाली आ सकती है।

इस समय स्थिति यह है है कि एलआईसी निफ्टी में 5200 को खरीद का अच्छा स्तर मानता है, जबकि बहुत से अन्य विशेषज्ञ भी 5000 से 5400 को खरीद का बेहतर स्तर मानते हैं। बाजार में खरीदार तो यकीनन हैं। लेकिन वे अपनी खरीद तभी शुरू करेंगे जब बिकवाली का जारी दौर रुक जाएगा। आज जीटीएल एक समय खरीद का समर्थन पाकर कल से 13.22 फीसदी बढ़कर 144.70 रुपए तक चला गया था। लेकिन डे-ट्रेडर फिर इसे ले बीते और यह 3.40 फीसदी गिरकर 123.45 रुपए पर बंद हुआ। इसमें हुए सौदों में डिलीवरी का स्तर बीएसई में 8.92 फीसदी और एनएसई में 11.11 फीसदी रहा।

ट्रेडरों के लिए मुझे लगता है कि उन्हें इस समय कम से कम जोखिम/रिस्क लेना चाहिए, जबकि निवेशकों को मेरी सलाह है कि वे हर गिरावट को खरीद के मौके के रूप में इस्तेमाल करें।

काबिलियत कभी छिपी नहीं रह सकती। अपमान से गहरा कोई जख्म नहीं होता और तनाव का जन्म प्रतिभा का अंत बन जाता है।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होंगे। यह मूलत: सीएनआई रिसर्च का फीस-वाला कॉलम है, जिसे हम यहां मुफ्त में पेश कर रहे हैं)

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