जो दिखता है, वह सच नहीं और जो सच है, वह तब तक नहीं दिखता जब तक कोई घोटाला न जाए। सच की ऐसी परदादारी देख किसी का भी विश्वास टूट सकता है। सोचिए, मार्च 2019 के अंत तक पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक का सकल एनपीए 3.76 प्रतिशत और शुद्ध एनपीए 2.19 प्रतिशत रहा था, जबकि इसी दौरान देश से सबसे बड़े बैंक एसबीआई का सकल एनपीए 7.53 प्रतिशत और शुद्ध एनपीए 3.01 प्रतिशत था।औरऔर भी

सिंडीकेट बैंक का शेयर साल भर पहले आज ही के दिन 7 जुलाई 2010 को 91.65 रुपए की तलहटी पर था। इसके बाद 16 नवंबर 2010 को 164.20 रुपए के शिखर पर पहुंच गया। पिछले एक महीने में 118.60 रुपए से घटकर 115.40 रुपए पर आ गया है। लेकिन ब्रोकरेज फर्म आईसीआईसीआई सिक्यूरिटीज का कहना है कि अगले दस महीनों में यह 137 रुपए तक जा सकता है। यानी, इसमें 19 फीसदी से ज्यादा रिटर्न मिल सकताऔरऔर भी

केंद्र सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में करीब 8700 करोड़ रुपए का नया निवेश करेगी। यह रकम इक्विटी के रूप में होगी। सरकार से इतनी रकम मिल जाने के बाद ये बैंक पूंजी बाजार से भी और रकम जुटा सकते हैं क्योंकि उनके सामने शर्त है कि उनकी इक्विटी में सरकार की हिस्सेदारी किसी भी सूरत में 51 फीसदी से कम नहीं होनी चाहिए। वित्त मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। वित्तऔरऔर भी