देश का निर्यात दिसम्बर महीने में 6.7 फीसदी बढ़ा है। आधिकारिक आंकड़ों की घोषणा से पहले ही वाणिज्य सचिव राहुल खुल्लर ने राजधानी दिल्ली में सोमवार को मीडिया को बताया कि दिसम्बर 2011 में देश से 25 अरब डॉलर का निर्यात हुआ, जबकि आयात 37.8 अरब डॉलर का हुआ।  इस तरह दिसंबर का व्यापार घाटा 12.8 अरब डॉलर रहा है। नवम्बर महीने में निर्यात मात्र 3.87 फीसदी बढ़ा था। दिसंबर के आंकड़ों को मिला दें तो चालूऔरऔर भी

हमारा वाणिज्य मंत्रालय बताने और छिपाने दोनों में माहिर है। हालांकि निर्यात आंकड़ों में पूरे 9 अरब डॉलर की ‘त्रुटि’ सामने आने के बाद वो थोड़ा चौकन्ना हो गया है। लेकिन बताने और छिपाने की उस्तादी अब भी जारी है। वाणिज्य सचिव राहुल खुल्लर ने 9 दिसंबर को ही बता दिया था कि चालू वित्त वर्ष 2011-12 में अप्रैल से नवंबर तक देश का निर्यात 33.2 फीसदी बढ़कर 192.7 करोड़ डॉलर रहा है। सोमवार, 2 जनवरी कोऔरऔर भी

अप्रैल 2007 से शुरू हुई 11वीं पंचवर्षीय योजना मार्च 2012 में खत्म हो जाएगी। इस तरह उसके खत्म होने में केवल तीन महीने ही बचे हैं। लेकिन केंद्र सरकार ने इस योजना अवधि के लिए एकीकृत वस्त्र पार्क स्कीम (एसआईटीपी) के तहत जिन 40 पार्कों को मंजूरी दी थी, उनमें से अभी तक केवल सात पार्क ही पूरे हो सके हैं। वाणिज्य के साथ उद्योग व कपड़ा मंत्रालय भी संभालने वाले केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने शुक्रवारऔरऔर भी

नवंबर महीने में देश का निर्यात साल भर पहले की तुलना में 17.99 फीसदी बढ़ा है। इस साल नवंबर में हमारा निर्यात 22.3 अरब डॉलर रहा है, जबकि नवंबर 2010 में यह 18.9 अरब डॉलर रहा था। लेकिन चालू वित्त वर्ष 2011-12 के पहले छह महीनों की तेज रफ्तार के कारण अप्रैल से नवंबर तक के आठ महीनों में निर्यात की वृद्धि दर 33.2 फीसदी रही है। इस निर्यात वृद्धि में मुख्य योगदान पेट्रोलियम पदार्थों का रहाऔरऔर भी

चालू वित्त वर्ष 2011-12 में अब तक हर महीने कुलांचे मारकर बढ़ रहे निर्यात की रफ्तार अक्टूबर में अचानक थम गई है। वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर में हमारा निर्यात 19.87 अरब डॉलर रहा है जो अक्टूबर 2010 में हुए 17.93 अरब डॉलर से मात्र 10.82 फीसदी ज्यादा है। इससे पहले हमारे निर्यात के बढ़ने की दर अप्रैल में 34.42 फीसदी, मई में 56.93 फीसदी, जून में 46.45 फीसदी, जुलाईऔरऔर भी

बैंकिंग और संपत्ति प्रबंधन सहित 68 सेवाओं के निर्यात पर सेवा कर रिफंड मिल सकता है। राजस्व विभाग के एक सर्कुलर के मसौदे के अनुसार, कम से कम 68 सेवाएं ऐसी हैं जिन पर सेवा कर रिफंड मिलेगा। केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) ने सहायक सेवाओं पर सेवा कर से बनने वाले रिफंड दावों के निपटान की प्रक्रिया को तर्कसंगत बनाने के लिए 30 नवंबर तक इस सर्कुलर के मसौदे पर जनता के विचार मांगेऔरऔर भी

निर्यात की संदेहास्पद बढ़त जारी है। करीब तीन हफ्ते पहले हमारे वाणिज्य सचिव राहुल खुल्लर ने जो बताया था, आखिरकार आंकड़े उसकी तस्दीक करते हैं। वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से मंगलवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार सितंबर 2011 में भारत का निर्यात 24.82 अरब डॉलर रहा है। यह सितंबर 2010 में हुए 18.20 अरब डॉलर के निर्यात से 36.36 फीसदी ज्यादा है। रुपए में यह वृद्धि 41.01 फीसदी निकलती है। लेकिन सरकार ने इस बात काऔरऔर भी

चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से सितंबर तक की छमाही में देश से हुआ निर्यात 160 अरब डॉलर रहा है। यह पिछले साल की समान अवधि से 52 फीसदी ज्यादा है। वाणिज्य सचिव राहुल खुल्लर ने राजधानी दिल्ली में बुधवार को मीडिया से बातचीत के दौरान यह जानकारी दी। हालांकि उन्होंने कहा कि ये मोटामोटी आंकड़े हैं। इसलिए अंतिम आंकड़े थोड़ा इधर-उधर हो सकते हैं। खुल्लर ने बताया कि अप्रैल-सितंबर 2011 के दौरान देश में हुआ आयातऔरऔर भी

वाणि‍ज्‍य, उद्योग और कपड़ा मंत्री आनंद शर्मा ने मंगलवार, 11 अक्‍तूबर 2011 को राजधानी दि‍ल्‍ली में व्‍यापार बोर्ड की बैठक बुलाई है। इस बैठक में निर्यात के लिए विशेष प्रोत्साहन घोषित किए जा सकते हैं। बैठक में जिन अहम मुद्दों पर चर्चा होनी है, उनमें देश का व्‍यापार परिदृश्‍य, वैश्विक व्‍यापार पर एक नजर, प्रति‍कूल परिदृश्‍य के खतरे को कम करने के उपायों पर नीति, प्रक्रिया को सरल बनाने और वाणि‍ज्‍य मंत्रालय द्वारा पेश रणनीति‍क दस्‍तावेज प्रमुखऔरऔर भी

यूरोप व अमेरिका में भले ही वित्तीय व आर्थिक संकट चल रहा हो, लेकिन भारत के निर्यात के बढ़ते जाने का कमाल जारी है। देश का निर्यात कारोबार पिछले कई माह से बढ़ता रहा है और अगस्त में भी साल भर पहले की तुलना में 44.25 फीसदी बढ़कर 24.31 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इस दौरान आयात भी साल भर पहले मुकाबले 41.82 फीसदी बढकर 38.35 अरब डॉलर रहा। इस तरह अगस्त में व्यापार घाटा (आयात से निर्यातऔरऔर भी