ईरान और अमेरिका के बीच बढ़े तनाव का असर कच्चे तेल की कीमत पर भी देखा जा रहा है और बुधवार को यह आठ माह के उच्च स्तर पर पहुंच गई। न्यूयॉर्क तेल बाजार में कच्चे तेल की कीमत 103.74 डॉलर प्रति बैरल हो गई। इसके पहले 11 मई 2011 को तेल की कीमत इस स्तर पर पहुंची थी। बाजार विश्लेषकों के अनुसार अर्थव्यवस्था में सुधार को लेकर बढ़ती उम्मीदों से तेल की कीमतों को बल मिलाऔरऔर भी

कर्ज में डूबे ग्रीस का वित्तीय संकट गहराने, डॉलर की मजबूती और अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) द्वारा आपात भंडार जारी किए जाने की घोषणा से एशियाई कारोबार में कच्चे तेल के भाव में गिरावट दर्ज की गई है। सोमवार को न्यूयॉर्क के मुख्य अनुबंध वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट की कीमत अगस्त डिलीवरी के लिए 65 सेंट गिरकर 90.51 डॉलर बैरल हो गयी। इसी प्रकार, ब्रेंट नार्थ सी क्रूड का भाव 67 सेंट घटकर 104.45 डॉलर हो गया। सिंगापुरऔरऔर भी

बढ़ती मुद्रास्फीति की हकीहत और चिंता रिजर्व बैंक पर भारी पड़ी है। इतनी कि मार्च की मुद्रास्फीति के लिए इसी जनवरी में 5.5 फीसदी से बढ़ाकर 7 फीसदी किया गया अनुमान उसने फिर बढ़ाकर 8 फीसदी कर दिया है। जाहिर है तब आर्थिक विकास के बजाय उसकी प्राथमिकता मुद्रास्फीति पर काबू पाना बन गया और इसके लिए उसने ब्याज दरों में 0.25 फीसदी वृद्धि कर दी है। असल में रिजर्व बैंक ने मुद्रास्फीति का अनुमान बढ़ाकर एकऔरऔर भी