निकालनी राह संस्थाओं के बूटों तले
इस सच से कोई इनकार नहीं कर सकता कि भारतीय शेयर बाज़ार से रिटेल निवेशक गायब हैं और इस पर संस्थागत निवेशक हावी हैं। इन निवेशकों में भी 49% हिस्से के साथ एफआईआई सब पर भारी हैं। बीमा कंपनियों का हिस्सा इसमें करीब 20% है। कुछ जानकार बताते हैं कि आम चुनावों के नतीजों के बाद भारतीय शेयरों में लगा दो-तिहाई धन विदेशी निवेशकों का ही है। इस सच की रौशनी में बनाते हैं ट्रेड की रणनीति…औरऔर भी