यूरो ज़ोन के देशों के वित्त मंत्रियों ने ग्रीस के उद्धार के लिए तीन शर्तें लगा दी हैं। गुरुवार को ब्रसेल्स में ग्रीस के वित्त मंत्री के साथ यूरो ज़ोन के बाकी 16 देशों के वित्त मंत्रियों की बैठक में तय किया गया है कि इन शर्तों को पूरा करने पर ही ग्रीस को आर्थिक संकट से उबरने लिए 130 अरब यूरो (170 अरब डॉलर) की आर्थिक मदद मिलेगी। लेकिन इसके विरोध में ग्रीस की यूनियनों सेऔरऔर भी

यूरोपीय संघ के 27 में से 25 देश अपने खजाने के एकीकृत प्रबंधन पर राजी हो गए हैं। इस करार को राजकोषीय एकीकरण समझौते (एफयूपी) का नाम दिया गया है। इसके तहत इन देशों के बजट का नियंत्रण यूरोपीय संघ के हाथों में होगा। ब्रिटेन और चेक गणराज्य ने इस एकीकरण पर अपनी सहमति नहीं दी है। ब्रिटेन ने पहले ही इसमें भागीदारी से इनकार कर दिया था। चेक गणराज्य ने भी कहा है कि वह इसऔरऔर भी

यूरोपीय देशों का कोई साझा यूरो बांड नहीं जारी किया जाएगा। ऋण संकट का तात्कालिक तौर पर मुकाबला करने के लिए यूरोपीय संघ के देश अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष को 200 अरब यूरो मुहैया कराएंगे। इसके अलावा यूरोपीय स्थायित्व प्रणाली (ईएसएम) 2013 के बजाय 2012 के मध्य तक लागू कर दी जाएगी। ये कुछ ऐसे फैसले हैं जिन्हें जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ब्रसेल्स में हुए दो दिन के यूरोपीय शिखर सम्मेलन से मनवाने में कामयाब हो गईं। यूरोपीयऔरऔर भी

बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ का शिखर सम्मेलन गुरुवार से शुरू हो गया। यह शुक्रवार तक चलेगा। इसमें यूरो को बचाने पर चर्चा होगी। इस बीच जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने कहा है कि वे कोई घटिया समझौता करने को तैयार नहीं हैं। वे यूरोपीय संघ की संधि में संशोधन की मांग पर अड़ी हुई हैं। मुश्किल यह भी है कि सारी दुनिया में निराशा छा गई है कि सम्मेलन से कुछ खास निकलनेवाला नहींऔरऔर भी

यूरोपीय संघ व्यापार परिषद ने 27 देशों के संगठन यूरोपीय संघ और भारत के बीच महत्वाकांक्षी व व्यापक व्यापार समझौते पर सहमति जताई है। यूरोपीय संघ के मुख्यालय ब्रसेल्स में सोमवार को परिषद की बैठक में यह रेखांकित किया गया कि समझौते का मकसद यूरोपीय वस्तुओं व सेवाओं को भारतीय बाजार में पहुंचाना है। लेकिन बैठक के बाद यह भी कहा जा रहा है कि दोनों के बीच मुक्त व्यापार समझौता मुश्किल में पड़ गया है। यूरोपीयऔरऔर भी