शेयर बाजार की हालत तो अभी ऐसी ही लगती है जैसे वहां कोई तेजड़िया बचा ही न हो। कल और आज सुबह तक पूरी दुनिया के बाजारों की हालत बुरी रही। लेकिन भारत में हालत दुरुस्त थी और निफ्टी में कल के निचले स्तर के आसपास 4820 समर्थन मिल रहा था। बहुत से इंट्रा-डे ट्रेडर बढ़त के अंदेशे में लांग हो गए क्योंकि उनके टेक्निकल संकेतक बाजार के 4930 तक जाने का इशारा कर रहे थे। यकीननऔरऔर भी

आज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और दलाल स्ट्रीट पर्यायवाची हो गए हैं। यहां तक कि पूरे भारतीय शेयर बाजार को अमेरिका के वॉल स्ट्रीट की तर्ज पर दलाल स्ट्रीट कहा जाता है। देश के इस सबसे पुराने स्टॉक एक्सचेंज का जन्म 1875 में एक एसोसिएशन के रूप में हुआ था, जिसका नाम था – नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर एसोसिएशन। लेकिन इसका बीज 1840 में एक बरगद के पेड़ के नीचे पड़ा था। मुंबई के चर्चगेट इलाकेऔरऔर भी

क्रॉम्प्टन ग्रीव्स बहुत बदल चुकी है। खासकर पिछले पांच सालों में वह नया कलेवर पकड़ती जा रही है। 1937 में बनी थापर समूह की यह कंपनी साठ के दशक तक मोटर, ट्रांसफॉर्मर, स्विचगियर, सर्किट ब्रेकर और बिजली से जुड़े तमाम उपभोक्ता सामान बनाती थी। अब वह दुनिया की मशहूर इंजीनियरिंग कंपनियों में गिनी जाती है। पहले सिर्फ भारत में थी। अब इसका मैन्यूफैक्चरिंग आधार बेल्जियम, कनाडा, हंगरी, इंडोनेशिया, आयरलैंड, फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका तक पहुंच गया है।औरऔर भी