वही पुरानी कहानी। डाउ जोन्स नीचे, एशियाई बाजार भी नीचे तो पंटरों ने भारत में भी 5590 का स्टॉप लॉस मारकर बिकवाली कर डाली। लेकिन निफ्टी ने उन्हें निचोड़ डाला। हालांकि निफ्टी मामूली गिरावट के साथ 5521.95 और निफ्टी फ्चूचर्स 5529.50 पर बंद हुआ है। लेकिन अब भी उसके बढ़कर 5650 तक जाने के पूरे आसार है। यह बेरोकटोक होगा क्योंकि ऑपरेटर अपनी पोजिशन रोल करने आगे ले जाने को तैयार नहीं हैं और टेक्निकल एनालिसिस परऔरऔर भी

निश्चित तौर पर बाजार इस समय खुद को जमा रहा है क्योंकि तमाम मिड कैप स्टॉक्स अब पलटकर उठने लगे हैं। निश्चित तौर पर बाजार इस समय खुद को जमा रहा है क्योंकि तमाम मिड कैप स्टॉक्स अब पलटकर उठने लगे हैं। साथ ही बहुत से मिड कैप व स्मॉल कैप स्टॉक्स भी काफी संभावना दिखा रहे हैं। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों (पीएसयू), फर्टिलाइजर और अब यहां तक कि चीनी जैसे क्षेत्रों में भी तेजी की दिपदिपऔरऔर भी

बाजार में 11 बजे से 12.45 बजे तक का विशेष ट्रेडिंग सत्र। पौने दो घंटे का कारोबार। बाजार लगभग सपाट। निफ्टी व सेंसेक्स में मामूली गिरावट। लेकिन फर्टिलाइजर कंपनियों के शेयर सब्सिडी की खबर के चलते उछल गए। लेकिन उनकी यह उठान समय के साथ थम जाएगी। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में हमने पिछले हफ्ते के शुरू में ही खरीद की सलाह दी थी और हमने जो कहा था, उसे हासिल कर लिया है। शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफऔरऔर भी

सरकार के पास सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की हिस्सेदारी बेचकर धन जुटाने के लिए बस 60 दिन और बचे हैं। चूंकि प्रवर्तकों का हिस्सा नीलामी के जरिए बेचने के लिए सरकार ने स्टॉक एक्सचेंजों में विशेष विंडो खोलने की घोषणा की है, इसलिए विनिवेश की योजना ठंडे बस्ते में डाल दी गई है। वैसे, अगले 60 दिनों के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की तरफ से धड़ाधड़ लाभांश की घोषणा होनी है। हमारा अभी के लिए चुनाऔरऔर भी

शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एससीआई), भारत सरकार की महारत्न कंपनी। साल भर पहले उसका शेयर दहाड़ रहा था। 6 अक्टूबर 2010 को 202.50 रुपए की अट्टालिका पर था। लेकिन बीते हफ्ते शुक्रवार 30 सितंबर से सरकारी खबरों के आधार पर उसे ऐसा धुना जा रहा है कि कल 3 अक्टूबर को वह 74.50 रुपए की घाटी में जा गिरा। पिछले एक महीने में इसे 91.60 रुपए से 18.66 फीसदी तोड़कर 74.50 रुपए तक ले आया गया है।औरऔर भी

सरकार चालू वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के विनिवेश से 40,000 करोड़ रुपए जुटाने के लक्ष्य को नीचे ला सकती है। केंद्रीय विनिवेश सचिव मोहम्मद हलीम खान ने सोमवार को मुंबई में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान यह इशारा किया। जब उनसे पूछा गया कि क्या सरकार शेयर बाजार में चल रही उछल-पुछल के मद्देनजर चालू वित्त वर्ष के लिए निर्धारित विनिवेश लक्ष्य को घटाने पर विचार कर रही है, तब उनका कहना था, “यहऔरऔर भी

सरकारी कंपनी शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एससीआई) का एफपीओ (फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर) 30 नवंबर को आएगा। इश्यू क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बिडर्स या क्यूआईबी के लिए 2 दिसंबर और आम निवेशकों के लिए 3 दिसंबर तक खुला रहेगा। कंपनी ने बीएसई में दाखिल सूचना में यह जानकारी दी है। कंपनी ने इस एफपीओ के लिए रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस सेबी और कंपनी रजिस्ट्रार कार्यालय के पास जमा करा दिया। वह इस इश्यू से करीब 1450 करोड़ रुपए जुटाना चाहती है।औरऔर भी

भारतीय नौवहन निगम लिमिटेड, हिंदी में यही नाम है शिंपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड या एससीआई का। बुधवार को करीब 11.30 बजे कंपनी ने एक छोटी सी घोषणा की कि वह 29 मई को होनेवाली निदेशक बोर्ड की बैठक में अपनी अधिकृत शेयर पूंजी बढ़ाने के प्रस्ताव पर भी विचार कर सकती है। इससे पहले 26 अप्रैल को उसने स्टॉक एक्सचेंजो को सूचित किया था कि वह 29 मई को निदेशक बोर्ड की बैठक में 31 मार्चऔरऔर भी

मेरा आपको सुझाव है कि कुछ समय निकालें और कंपनी व बाजार के बारे में उपलब्ध कराई जा रही रिसर्च का अध्ययन करें। जैसे, आज हम इस कॉलम के अंत में कावेरी टेलिकॉम की रिसर्च रिपोर्ट पेश कर रहे हैं। हम इस तरह की विशेष जानकारियां उपलब्ध कराते रहते हैं। इनके अध्ययन से भारत के साथ-साथ दुनिया के बाजारों के बर्ताव को लेकर आपके जो भ्रम हैं, उनमें से ज्यादातर दूर हो सकते हैं। अगर फिर भीऔरऔर भी

शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एससीआई) ने वित्त वर्ष 2009-10 की चौथी तिमाही में शानदार नतीजे हासिल किए हैं और वह जल्दी ही एक पर एक बोनस शेयर की घोषणा कर सकती है। अभी इस मामले में कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है। लेकिन सूत्रों के मुताबिक दिसंबर 2009 की तिमाही में जहां कंपनी ने 87.44 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया था, वहीं चौथी तिमाही में उसका शुद्ध लाभ 200 करोड़ रुपए के आसपास रह सकता है।औरऔर भी