जमीन में जम चुके पेड़ से क्या गिला कि उसने न हाल पूछा, न बाहें फैलाकर स्वागत किया या न ही हाथ बढ़ाकर पास बुलाया। बेगानेपन की शिकायत तो चिड़िया से होनी चाहिए जो इस पेड़ से उस पेड़, इस टहनी से उस टहनी तक फुदकती रहती है।और भीऔर भी

भारत ने अमेरिका के आव्रजन नियमों के खिलाफ विश्व व्यापार संगठन (डबल्यूटीओ) में शिकायत दर्ज कराई है। उसका कहना है कि अमेरिका ने अपने यहां काम करने के वीज़ा की लागत जिस कदर बढ़ाई है, वह बहुत ज्यादा और सरासर गलत है। यह भारतीय आईटी कंपनियों के साथ किया जा रहा भेदभाव है। डब्ल्यूटीओ में भारत की यह शिकायत अभी दो पक्षों के बीच ‘विचार-विमर्श’ के स्तर पर है। यह वो स्तर है जहां पर इसे नऔरऔर भी

केंद्रीय सर्तकता आयोग (सीवीसी) का नया टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 1964 एक महीने में चालू हो जाएगा। इस पर सातों दिन, चौबीसों घंटे घूसखोर अफसरों की शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। यह कॉलसेंटर जैसा होगा। लेकिन दिल्ली सरकार या उसके विभागों के खिलाफ यह हेल्पलाइन मददगार नहीं होगी क्योंकि वे सीवीसी के दायरे में नहीं आते। 1964 में गठित सीवीसी के अभी दो टोल-फ्री नंबर हैं 1800-11-1080 और 011-2465100। लेकिन इन पर सोम से शुक्र सुबह 9औरऔर भी

कहते हैं कि ग्राहक भगवान होता है पर अभी कुछ समय पहले तक भारत की बीमा कंपनियों का सोचना इससे उलट था। उनके लिए पॉलिसीधारक ऐसा निरीह प्राणी होता था जो शायद परेशानी सहने के लिए अभिशप्त है। लेकिन बीमा नियामक व विकास प्राधिकरण (आईआरडीए या इरडा) की पहल से अब माहौल बदल चुका है। कैसी समस्याएं: अमूमन जीवन बीमा पॉलिसीधारकों को जो समस्याएं सताती हैं उनमें खास हैं – पॉलिसी बांड नहीं मिला, गलत पॉलिसी बांडऔरऔर भी

अनिल धीरूभाई अंबानी समूह (एडीएजी) क दावा है कि उसने समूह की कंपनियों के खिलाफ निराधार व सनसनीखेज अफवाहें फैलानेवाले शेयर ब्रोकरों की पहचान कर ली है और सेबी से उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। समूह का कहना है कि ये ब्रोकर बड़ी संख्या में ई-मेल और एसएमएस भेज रहे थे और समूह की कंपनियों के खिलाफ निराधार व सनसनीखेज आरोप के साथ बड़ी संख्या में निवेशकों को फोन कर रहे थे। बता देंऔरऔर भी

अनिल अंबानी समूह (एडीएजी) ने अपनी कंपनियों पर हुए हमले को देश के इंफ्रास्ट्रक्चर पर हुआ हमला बताया है। उसका कहना है कि पिछले दो हफ्ते से जिस तरह मंदड़ियों के गैर-कानूनी कार्टेल ने बाजार पर चोट की है, उससे देश के इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र को तीन लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। समूह की तरफ से उसके प्रबंध निदेशक गौतम दोशी ने कहा कि समूह की कंपनियों के शेयर मंदड़ियों की खेमेबंदी के शिकार हुए हैं।औरऔर भी

बुधवार को बिना किसी ठोस वजह के अफवाहों के दम पर अनिल अंबानी समूह की सभी कंपनियों के शेयरों पर जबरदस्त हमला किया गया। रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर को एक समय 25.14 फीसदी गिराकर साल के नए न्यूनतम स्तर 492.85 रुपए पर पहुंचा दिया गया। हालांकि वो बंद हुआ 18.79 फीसदी की गिरावट के साथ 534.70 रुपए पर। अभी कल मंगलवार तक यह शेयर 658.40 रुपए पर था और आज दिन में ऊपर 666 रुपए तक चला गया था।औरऔर भी

यूलिप पर पूंजी बाजार नियामक संस्था सेबी और बीमा नियामक संस्था आईआरडीए (इरडा) की तकरार का नतीजा भले ही कानून बनाकर इरडा को बचाने के रूप में सामने आया हो, लेकिन इसने इरडा को पॉलिसीधारकों के प्रति ज्यादा जबावदेह बनने को मजबूर कर दिया है। वह लगातार नए-नए कदम उठा रही है। ताजा दिशानिर्देश में उसने तय किया है कि जीवन बीमा और साधारण बीमा कंपनियों को पॉलिसीधारकों की शिकायतों की निपटारा तीन दिन से लेकर दोऔरऔर भी