पेड़ों से क्या गिला!

जमीन में जम चुके पेड़ से क्या गिला कि उसने न हाल पूछा, न बाहें फैलाकर स्वागत किया या न ही हाथ बढ़ाकर पास बुलाया। बेगानेपन की शिकायत तो चिड़िया से होनी चाहिए जो इस पेड़ से उस पेड़, इस टहनी से उस टहनी तक फुदकती रहती है।

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