विश्व बैंक के मुताबिक बिजनेस करने की सहूलियत के बारे में दुनिया के 183 देशों में भारत का 132वां नंबर है। एक साल पहले 2011 में यह रैंकिंग इससे भी सात पायदान नीचे 139 पर थी। कमाल है, भ्रष्टाचार के मामलों के खुलने के बाद देश की रैंकिंग चढ़ गई! खैर, दुनिया में फिलहाल बिजनेस करने की सहूलियत को लेकर सिंगापुर पहले नंबर पर है। चीन, ब्राजील या रूस को तो छोड़िए, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका व नेपालऔरऔर भी

उम्मीद और नाउम्मीदी के बीच झूल रहा है बाजार। मंदडिए जाहिरा तौर पर हावी हैं। लेकिन वे जब हर तरफ अपना डंका बजा रहे हैं, तब बाजार चुपचाप उनके हमले से तहस-नहस हालात को संभालने में जुट गया है। मेरे बहुत से दोस्त निफ्टी में 4000 पर पुट ऑप्शन या बेचने के सौदे करके बैठ गए हैं। लेकिन अब उन्हें लग रहा है कि वे ऐसा करके बुरे फंस गए हैं। बाजार ने सुधरने का एक पैटर्न-साऔरऔर भी

वर्ल्ड स्टील एसोसिएशन (डब्ल्यूएसए) के मुताबिक दुनिया के सबसे बड़े स्टील उत्पादक देशों में भारत को पीछे छोड़कर अमेरिका तीसरे नंबर पर आ गया है। साल 2010 की स्थिति के मुताबिक भारत 683 लाख टन की क्षमता के साथ दुनिया का चौथा सबसे बड़ा स्टील उत्पादक देश है, जबकि अमेरिका का स्टील उत्पादन इससे ज्यादा 805 लाख टन रहा है। रूस 669 लाख टन के साथ दुनिया का पांचवां बड़ा स्टील उत्पादक है। 2009 तक अमेरिका भारतऔरऔर भी

ब्रिक देश (ब्राजील, रूस, भारत, चीन) अब उभरते बाजार नहीं रह गए हैं बल्कि विश्व अर्थव्यवस्था के लिये ‘वृद्धि बाजार’ बन गए हैं। अमेरिकी निवेश बैंक गोल्डमैन शैक्स के चेयरमैन (संपत्ति प्रबंधन) जिम ओ नील ने बीजिंग में यह बात कही है। दस साल पहले जिम ओ नील ने ही इन देशों के लिए उभरता बाजार शब्द का उपयोग किया था। ब्रिक्स शिखर बैठक से पूर्व ओ नील ने चाइना डेली को दिए गए साक्षात्कार में कहा,औरऔर भी

वैश्विक स्तर पर जारी अनिश्चितता से आर्थिक वृद्धि के परंपरागत स्रोतों पर दबाव बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री ममनमोहन सिंह ने इस बढ़ते दबाव को लेकर सतर्क करते हुए कहा है कि पांच देशों के संगठन ब्रिक्स को विकास के प्रमुख क्षेत्रों में समन्वय करना जरूरी है और यह सारी दुनिया के लिए लाभकारी होगा। बता दें कि ब्रिक्स देशों में शामिल पांच देश हैं – ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका। इन पांचों देशों की अर्थव्यवस्थाऔरऔर भी

हर कोई कहे जा रहा था कि रिजर्व बैंक ब्याज दरें 0.25 फीसदी बढ़ा देगा। फिर भी देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई के चेयरमैन ओ पी भट्ट की तरह बाजार को भी लग रहा था कि शायद ऐसा न हो। इसी उम्मीद में बाजार थोड़ा गिरकर तो खुला, लेकिन फिर पूरी तरह सुधर गया, जबकि दुनिया के बाजार गिरे हुए थे। लेकिन 11 बजे के बाद बजार में हवा-सी चल गई कि ब्याज दरें बढ़नी हीऔरऔर भी

भारत दुनिया में हथियारों का सबसे बड़ा आयातक है। यहां तक कि चीन से भी बड़ा। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने 2006-10 के दौरान दुनिया के कुल हथियार निर्यात का 9% हिस्सा सोख लिया, जबकि चीन 6% के साथ दूसरे नंबर पर चला गया। भारत के हथियार आयात का 82% हिस्सा रूस से आया है। अमेरिका हथियारों का सबसे बड़ा निर्यातक है। उसके बाद रूस व जर्मनी का नंबर आताऔरऔर भी

भारत, चीन, ब्राजील और रूस के आर्थिक विकास की संभावनाएं अगले साल तक और भी बेहतर हो जाएंगी। यह आकलन है दुनिया के जानेमाने संगठन ओईसीडी (ऑर्गेनाइजेशन फॉर इकनोमिक को-ऑपरेशन एंड डेवलपमेंट) का। ओईसीडी ने बुधवार को जारी अपने ताजा अनुमान में कहा है कि भारत में कृषि उत्पादन में बढ़ोतरी की संभावना है। इससे भारत के आर्थिक विकास को आवेग मिलेगा। हालांकि बढ़ती मांग के बीच मुद्रास्फीति का दबाव बना रह सकता है। बता दें किऔरऔर भी