पहले औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के बढ़ने की दर दिसंबर में घटकर 1.8 फीसदी रह जाने की खबर आई। फिर यह खबर आ गई कि मॉरगन स्टैनली कैपिटल इंटरनेशनल (एमएससीआई) ने उभरते बाज़ारों में कैश होल्डिंग शून्य से बढ़ाकर दो फीसदी कर ली है। इन दो खबरों ने बाजार में घबराहट फैला दी। सभी लोग खटाखट लांग सौदे काटकर शॉर्ट सौदे करने में जुट गए। पंटर भाई लोग तो 5200 से ही शॉर्ट हुए पड़े हैं जिनमेंऔरऔर भी

किसी भी विदेशी ब्रोकिंग हाउस का नाम ले लो, उसे भारत को डाउनग्रेड करने में कोई हिचक नहीं होती। वे खटाखट आर्थिक विकास की संभावनाओं से लेकर बाजार तक को नीचे से नीचे गिराते जा रहे हैं। ताजा उदाहरण सीएलएएसए का है। इन ब्रोकिंग हाउसों ने भारत में निवेश को, यहां की आस्तियों को रिस्की ठहरा दिया है। वजह गिनाई है मुद्रा प्रबंधन की अक्षमता, नीतिगत फैसलों में ठहराव, राजकोषीय घाटे को संभालने में नाकामी और मुद्रास्फीतिऔरऔर भी

टेक्निकल एनालिसिस व चार्ट वाले इस समय खुश तो बहुत होंगे क्योंकि वे लंबे अरसे से निफ्टी के 4800 से नीचे जाने की भविष्यवाणी किए पड़े थे और ऐसा हो चुका है। अब इसके 4500 ही नहीं, 4200 तक गिरने की बात कही जा रही है। इधर आप में कुछ लोगों ने हिंदी में टेक्निकल एनालिसिस सिखाना शुरू करने की सलाह दी है। लेकिन टेक्निकल एनालिसिस क्या कोई विज्ञान है, विज्ञान व आस्था का मिलेजुले रूप ज्योतिषऔरऔर भी

निराशावाद का साया बाजार से हटने को राजी नहीं है। हवा फैलाई जा रही है कि निफ्टी 5000 या 4800 तक भी जा सकता है क्योंकि वह 200 दिनों के मूविंग औसत (डीएमए) को नीचे में तोड़ चुका है। आज सुबह 10 बजे निफ्टी को तोड़कर 5525 तक ले जाया गया। लेकिन बाद में वह 0.43 फीसदी की बढ़त के साथ 5565.05 पर बंद हुआ। इस दौरान ज्यादातर पंटरों ने भी निफ्टी में 5700 की सीरीज कीऔरऔर भी

निफ्टी आज 10 से 12 बजे के बीच दो बार 5600 के एकदम करीब चला गया। लेकिन 5592.90 के बाद उसे ऊपर खींच पाना मुश्किल हो गया। जैसा कि मुझे कल ही अंदेशा था और मैंने लिखा भी था कि निफ्टी में 5620 का स्तर आने से पहले मंदड़िये हमले पर उतर आए। उनकी बिकवाली के चलते बाजार दो बजे के आसपास गिरावट का शिकार हो गया, जबकि पहले वह बराबर बढ़त लेकर चल रहा था। ढाईऔरऔर भी

पिछले चार दिनों से बाजार में बराबर यह खबर उड़ रही थी कि सेबी ने रिलायंस पेट्रोलियम (आरपीएल) में एसएएसटी (सब्सटैंशियल एक्विजिशन ऑफ शेयर्स एंड टेकओवर) रेगुलेशन के उल्लंघन के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) पर 400 करोड़ रुपए का जुर्माना ठोंक दिया है। आज एक प्रमुख बिजनेस चैनल ने भी यह ‘खबर’ फ्लैश कर दी। अंदरूनी व भेदिया कारोबार के माहिर खिलाड़ी निफ्टी और आरआईएल में पिछले हफ्ते से ही शॉर्ट चल रहे हैं। यही वजह हैऔरऔर भी