जिस तरह अमेरिका के डाउ जोन्स सूचकांक ने मंगलवार को 2007 का भी उच्चतम स्तर तोड़कर नई ऊंचाई बनाई है, उससे तो यही लगता है कि अपने यहां भी आज रुख बढ़ने का रहेगा। फिलहाल 19 मार्च को रिजर्व बैंक क्या करता है, इसको लेकर कयास शुरू हो गए हैं। ब्याज दर घटने की पक्की उम्मीद जताई जा रही है।  ऊपर से अंतरराष्ट्रीय निवेश बैंक क्रेडिट सुइस ने भारत को एशिया के चार सबसे सस्ते शेयर बाज़ारोंऔरऔर भी

अमेरिका में बेरोज़गारी की दर तीन सालों के न्यूनतम स्तर पर आ चुकी है। डाउ जोन्स मई 2008 के बाद के सर्वोच्च स्तर पर आ चुका है। वह शुक्रवार को 1.2 फीसदी की बढ़त लेकर 12,862.23 पर बंद हुआ है। लेकिन अब वहां करेक्शन आना लाजिमी है। देश में निफ्टी बड़े शान से 5300 का स्तर तोड़कर ऊपर आ चुका है। लगातार तीन दिन से 200 दिनों के मूविंग औसत (डीएमए) से ऊपर टिका है। अरसे सेऔरऔर भी

यूरोप के दो संकटग्रस्त देशों में हुए नए घटनाक्रम ने दुनिया के बाजारों में नया उत्साह भर दिया है। जहां ग्रीस में शुक्रवार को लुकास पापाडेमॉस ने अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ले ली, वहीं इटली में संसद के ऊपरी सदन सीनेट ने लंबे समय से अधर में लटके आर्थिक सुधार पैकेज को मंज़ूरी दे दी। पापाडेमॉस के नेतृत्व में ग्रीस की नई अंतरिम गठबंधन सरकार यूरोपीय देशों की ओर ग्रीस को मिलने वाली आर्थिक मददऔरऔर भी

दिवाली पर मुहूर्त ट्रेडिंग से पहले की मेरी टिप्पणी याद करें। मैंने कहा था कि निफ्टी 5350 तक जाएगा। न इस, न उस, न किसी भी बाजार के किसी भी शख्स ने ऐसा कहा था। लेकिन हम बराबर ज़ोर देकर कहते रहे कि बाजार जल्दी ही 5350 का लक्ष्य हासिल कर लेगा। और, एकदम महेंद्र सिंह धोनी के अंदाज में बाजार ने दिवाली नहीं तो एक दिन बाद आज ऐसा कर दिखाया। निफ्टी पूरे 2.92 फीसदी कीऔरऔर भी

यूरोप से लेकर अमेरिका तक के बाजार ऊपर। अमेरिका के डाउ जोन्स फ्यूचर्स में 124 अंकों की बढ़त। फिर भी अपना बाजार खुला एकदम सपाट। लेकिन फिर  उम्मीद के मुताबिक फौरन बढ़ने लगे और बढ़ते ही चले गए। निफ्टी दिन के उच्चतम स्तर 4991.15 के एकदम करीब 4988.55 पर बंद हुआ, शुक्रवार से 2.06 फीसदी की बढ़त लेकर। मेरा मानना है कि निफ्टी के यूं 4985 के ऊपर पहुंचने ने उसके 5300 तक पहुंचने की राह खोलऔरऔर भी

बाजार के हालात सचमुच खराब हों या न हों, लेकिन भाई लोगों ने अफवाहों का चक्रवात चलाकर पूरे माहौल को बहुत भयावह बना दिया है। वे बता रहे हैं कि स्टैंडर्ड एंड पुअर्स ने 3 अक्टूबर 2008 को क्या आंकड़े पेश किए थे और अब उसी ने 3 अक्टूबर 2011 को क्या आंकड़े पेश किए हैं। संयोग से दोनों आंकड़े कमोबेश एक जैसे हैं और लेहमान संकट के समय आए ध्वंस की याद दिला रहे हैं। एकऔरऔर भी

बराक ओबामा ने अमेरिका में नौकरियों के नए अवसरों को प्रोत्साहित करने के लिए 447 अरब डॉलर के पैकेज की घोषणा कर दी। वहां अगले साल राष्ट्रपति चुनाव होने हैं तो ओबामा को ऐसा कुछ करना ही था। इससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था की हालत में थोड़ा और सुधार आएगा। यह अलग बात है कि इस पैकेज की राह में आनेवाली राजनीतिक अड़चनों की सोचकर अमेरिका व यूरोप के बाजारों ने इस पर तल्ख नकारात्मक प्रतिक्रिया दिखाई है। अपनेऔरऔर भी